पिछले कुछ दिनों से दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी खराब चल रहा है। राजधानी की हवा जहरीली होती जा रही है। इससे बच्चों की सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक बच्चों को प्रदूषण के प्रभाव से बचाने के लिए योगासन करना काफी लाभकारी होता है। कुछ आसनों का अभ्यास कराने से बच्चों के फेफड़े मजबूत होने के साथ ही इम्यूनिटी पावर भी बढ़ती है। प्रदूषण से बचाने के लिए बच्चों को ये योगासन कराने चाहिए।
अनुलोम-विलोम
बच्चों को नियमित तौर पर 5 से 10 मिनट तक अनुलोम-विलोम का अभ्यास कराएं। यह फेफड़ों को मजबूत करने के साथ ही श्वसन प्रणाली को साफ करता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा बनी रहती है। इसे करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
भस्त्रिका
भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास करना फेफड़ों की कार्यक्षमता को बेहतर करने में मददगार होता है। इसे करने से शरीर में मौजूद दूषित कण निकलते हैं, जिससे सांस संबंधी समस्याएं भी कम होती हैं। इसका अभ्यास करने से मेंटल हेल्थ में भी सुधार होता है।
भुजंगासन
भुजंगासन करना हड्डियों को मजबूत और लचीला बनाने के साथ ही फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाने में भी प्रभावी माना जाता है। इसे करने से शरीर डिटॉक्स होता है, जिससे फेफड़ों में मौजूद गंदगी निकलती है।
कपालभाति
प्रदूषण के असर को रोकने के लिए बच्चों को कपालभाति का अभ्यास कराएं। यह आसन श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाता है, जिससे सांस लेने की प्रक्रिया में सुधार होता है साथ ही फेफड़े भी मजबूत होते हैं। बच्चों को घर के अंदर रहकर इस आसन का अभ्यास कराएं।
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन करना फेफड़ों को मजबूत बनाने में कारगर साबित होता है। यह आसन करने से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है साथ ही साथ कंधों, कमर और रीढ़ की हड्डी का दर्द कम होता है। प्रदूषण से बचाव के लिए आप बच्चों को यह योगासन करा सकते हैं।
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अर्ध चंद्रासन
अर्ध चंद्रासन करना सेहत के लिए अन्य तरीकों से फायदेमंद होने के साथ ही फेफड़ों को मजबूत करने में भी कारगर माना जाता है। यह आसन करने से श्वसन प्रणाली पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, जिससे प्रदूषण का असर शरीर पर कम पड़ता है।