भले ही आज हम 21वी सदी में जी रहे हों, लेकिन सच यह है कि लोगों की सोच में कुछ खास बदलाव नहीं आया है। तमाम अभियानों और महिला विकास के मुद्दे पर बहस करने के बावजूद आज भी लोगों की सोच ज्यों की त्यों ही है। आलम यह है कि सार्वजनिक जगहों या खुले आम पीरियड्स पर बात करने से लोगों को आज भी शर्मिंदगी महसूस होती है। स्कूल, कॉलेज या आॅफिस में महिलाएं आज भी पीरियड्स के वक्त ऐसा महसूस करती हैं जैसे उन्होंने कोई गुनाह कर दिया हो। कुल मिलाकर कहने का मतलब ये है कि महिलाओं की दृष्टि से पीरियड्स आज भी उनके लिए एक अभिश्राप बना हुआ है। इसके विपरित प्रसिद्ध योगा प्रशिक्षक स्टेपहनी गोंगोरा ने इस पद्धति को बदल कर एक नया रंगमंच पेश किया है।
योगा प्रशिक्षक स्टेपहनी गोंगोरा ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें गोंगोरा पीरियड्स के दौरान भी योगा कर रही हैं। इस वीडियों में गोंगोरा ने सफेद रंग की पैंट पहनी हुई है। योगा करते वक्त उनकी पैंट में पीरियड्स के समय का लाल खून का धब्बा साफ दिख रहा है। वीडियो शेयर करने के साथ ही गोंगोरा ने महिलाओं के लिए एक सोशल मैसेज भी दिया है। गोंगोरा की इस नायाब कोशिश को लोगों द्वारा खूब पसंद भी किया जा रहा है और सोशल मीडिया पर शेयर भी किया जा रहा है। योगा निर्देशक गोंगोरा कहती हैं कि 'आखिर पीरियड्स में महिलाएं शर्मिंदगी और पुरुष असहजता महसूस क्यों करते हैं?'
योगा प्रशिक्षिका का कहना है कि महिलाओं के लिए पीरियड्स कुदरत की देन है। ऐसे में महिलाओं को पीरियड्स के दौरान शर्म नहीं करनी चाहिए। बल्कि उन्हें जिस जगह, जिस स्थिति में पीरियड्स होते हैं उन्हें खुलकर ये बात सब के सामने रखने चाहिए ताकि वह कम्फरटेबल महसूस कर सके। वीडियो में गोंगोरा अपने पीरियड्स टैबू को दिखाते हुए अलग-अलग तरह से योगासन कर रही हैं। इस वीडियो को जारी करने का वास्तव में मकसद महिलाओं में पीरियड्स को लेकर झिझक खत्म करना है।
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।