विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार (डब्ल्यूएचओ), मोटापा और अधिक वजन असामान्य या अत्यधिक वसा के जमाव के रूप में परिभाषित किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। 25 से अधिक के बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को अधिक वजन माना जाता है, और 30 से अधिक होना मोटापे की निशानी है। बीमारी के वैश्विक बोझ के अनुसार (Global Burden of Disease) 2017 में अधिक वजन या मोटे होने के कारण 40 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी। आज यह समस्या महामारी के अनुपात में बढ़ गई है।
दुनियाभर में बच्चों और वयस्कों में मोटापा और अधिक वजन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। अधिक वजन वाले या मोटे बच्चों और किशोरों की आयु 5-19 वर्ष है, जिनमें मोटापे का वैश्विक स्तर पर 4% से बढ़कर 18% हो गया।
मोटापा से होने वाले खतरे
कई जीर्ण रोगों के लिए अधिक वजन और मोटापा प्रमुख जोखिम कारक हैं, जिसमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे हृदय रोग शामिल हैं, जो दुनिया भर में मृत्यु के प्रमुख कारण हैं। अधिक वजन होने के कारण डायबिटीज और इससे जुड़ी स्थितियां भी हो सकती हैं, जिसमें अंधापन, अंग विच्छेदन और डायलिसिस की आवश्यकता शामिल है। 1980 के बाद से दुनिया भर में मधुमेह की दर चार गुनी हो गई है। अधिक वजन होने से ऑस्टियोआर्थराइटिस सहित मस्कुलोस्केलेटल विकार हो सकते हैं। मोटापा कैंसर की भी वजन बन सकता है।
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मोटापे की वजह
मोटापे से बचने के कई उपाय हैं। मोटापे का मूल कारण कैलोरी की खपत और कैलोरी का एक असंतुलन है। जैसा कि हाल के दशकों में वैश्विक आहार में बदलाव देखने को मिला है, वसा और शर्करायुक्त, उच्च ऊर्जा वाले खाद्य पदार्थों की खपत में वृद्धि हुई है। इसके अलावा बढ़ती आधुनिकता के बीच लोगों की गतिहीन जीवनशैली मोटे होने की प्रमुख वजह है।
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मोटापे से बचाव के उपाय
अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो आपको कैलोरी को कम करना होगा। फल, सब्जियां, फलियां, साबुत अनाज और नट्स के सेवन को बढ़ाएं और फास्ट फूड जैसे वसा और शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। शिशुओं में, अध्ययनों से पता चला है कि जन्म से लेकर 6 महीने की उम्र तक का विशेष स्तनपान शिशुओं के अधिक वजन या मोटापे के खतरे को कम करता है।
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