एक स्टडी में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक तेज चलने से टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम कम होता है। आइये जानते हैं इसके बारे में।
वॉक करना या पैदल चलना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होता है। इससे वजन कम होने से लेकर मेटाबॉलिज्म तक दुरुस्त रहता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए तो ये किसी रामबाण से कम नहीं है। हाल ही में ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन (British Journal of Sports Medicine) में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक तेज चलने से टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम कम होता है। आइये जानते हैं इसके बारे में।
स्टडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक ब्रिस्क वॉक करना या फिर तेज चलने से कैलोरी बर्न होता है वजन भी नियंत्रित रहता है। जिससे शरीर में इंसुलिन सेंस्टिविटी बेहतर बनी रहती है। तेज चलने से मसल स्ट्रेंथ बढ़ती है और कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस भी बनी रहती है, जो डायबिटीज को नियंत्रत रखने के साथ ही टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को भी कम करता है। तेज वॉक करने से शरीर ग्लूकोज को इस्तेमाल करने में सक्षम बनता है। इससे शरीर में होने वाली सूजन से भी काफी राहत मिलती है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक हफ्ते में कम से कम 150 मिनट तक चलना सेहत को दुरुस्त रखने के लिए पर्याप्त है। शुरूआत में आप 10 से 15 मिनट की वॉक कर सकते हैं। पहले छपी कुछ स्टडीज की मानें तो तेज वॉक करने से इंसुलीन सेंस्टिविटी दुरुस्त होने के साथ ही ग्लूकोज इस्तेमाल होने की क्षमता भी बढ़ती है। नियमित तौर पर ऐसा करने से सेहत को अन्य भी कई फायदे मिलते हैं।
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