बच्चे के जन्म के बाद बच्चे का उचित पालन-पोषण माता-पिता की जिम्मेदारी होती है। बच्चे का सही ढंग से पालन पोषण करने और उसकी डाइट का ध्यान रखने से बच्चे का शरीर हेल्दी रहता है और बीमारियों का खतरा भी कम होता है। बच्चे या शिशुओं के शारीरिक विकास के लिए भी डाइट का बड़ा महत्व होता है। कई बार आपने देखा होगा की कुछ बच्चों का वजन जन्म के समय से ही कम रहता है या जन्म के बाद कुछ सालों तक काफी प्रयास करने के बाद भी उनका वजन नहीं बढ़ता है। बच्चों का वजन न बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, इसके लिए बच्चे को दी जाने वाली डाइट का भी महत्व होता है। बच्चे का वजन कम होने के कारण में उनकी अन्तर्निहित स्वास्थ्य स्थितियां भी शामिल हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों के कारण भी बच्चों का वजन जल्दी नहीं बढ़ता है और बच्चे अंडरवेट ही रहते हैं।
बच्चे का वजन कम होने के कारण (Underweight Child Causes in Hindi)
बच्चे का जन्म के बाद से ही वजन कम होना एक गंभीर विषय है और यह कई कारणों से हो सकता है। अवध हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शेख जफर के मुताबिक जन्म के बाद शरीर की स्थिति, खानपान और कई अन्य कारकों का प्रभाव वजन पर पड़ता है। कुछ बच्चे मां के गर्भ में ही कम वजन वाले होते हैं और उनमें यह समस्या पैदा होने के समय भी बनी रहती है। लेकिन कुछ बच्चे जिनका वजन जन्म के समय तो सही होता है लेकिन आगे चलकर ये बच्चे अंडरवेट हो जाते हैं। ऐसे बच्चे जिनका वजन बहुत ज्यादा कम होता है या नहीं बढ़ता है उनमें कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बना रहता है। बच्चों का वजन न बढ़ने या कम होने के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।
इसे भी पढ़ें : किन स्थितियों में जरूरी है शिशु का वजन चेक करना? एक्सपर्ट से जानें शिशु के सही वजन की पूरी जानकारी
1. बच्चे का खराब पोषण भी उसके वजन के कम होने का प्रमुख कारण माना जाता है। अगर आपके बच्चे की डाइट अच्छी है तो उसका वजन जरूर बढ़ना चाहिए। इसके लिए आपको उम्र के हिसाब से बच्चे के डाइट के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए। आप बच्चों या शिशुओं की उम्र के हिसाब से डाइट के बारे में डॉक्टर से सलाह भी ले सकती हैं।
2. बच्चे का वजन न बढ़ने की एक प्रमुख कारण उसकी स्वास्थ्य स्थिति भी है। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित होने वाले बच्चों का भी वजन लगातार कम हो सकता है। ऐसे बच्चों पर डाइट का भी असर नहीं पड़ता है।
3. बच्चों के पेट में कीड़े होने से भी इसका असर उनके वजन पर पड़ सकता है। बच्चों के पेट में कीड़े होने पर उनकी भूख और पाचन तंत्र को गंभीर नुकसान होता है जिसके कारण बच्चे अंडरवेट हो सकते हैं।
4. बच्चों की साफ-सफाई पर ध्यान न देने की वजह से इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। अगर बच्चे हमेशा गंदे रहते हैं या उनकी साफ-सफाई नहीं की जाती है तो इससे उनके वजन पर नकारात्मक असर हो सकता है।
5. अच्छी और पर्याप्त नींद न आने से भी बच्चे के वजन पर इसका असर पड़ सकता है। बच्चे को स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों के कारण पर्याप्त नींद नहीं आती है जिसका असर उनके वजन पर पड़ता है।
इसे भी पढ़ें : शिशुओं में वजन घटने के क्या हो सकते हैं कारण? जानें कैसे करें उनकी देखभाल
उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए बच्चे का वजन? (Child Weight Age Wise)
बच्चे का लगभग 2.5 से 3.5 किलोग्राम वजन होना अच्छा माना जाता है। अगर बच्चे का जन्म के समय वजन इससे कम है तो उसे अंडरवेट माना जाता है। वैसे तो हर बच्चे का उम्र के हिसाब से वजन अलग-अलग हो सकता है और इसके लिए कोई विशेष पैरामीटर निर्धारित नहीं किया गया है। बच्चों का वजन उनकी हाइट के हिसाब से होना चाहिए। लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक आमतौर पर 1 साल के लड़के का वजन से लगभग 10 किलोग्राम जरूर होना चाहिए। इसके अलावा अगर बच्चा 2 साल का है तो उसका वजन कम से कम 12 किलोग्राम और 3 से 4 साल की उम्र में बच्चे का वजन 14 से 16 किलोग्राम के बीच में होना चाहिए।
बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए डाइट (Weight Gain Diet Tips For Kids)
अच्छी डाइट और अच्छी जीवनशैली बच्चों के शारीरिक और मानसिक में बहुत उपयोगी मानी जाती है। बच्चे का वजन कम होने का सबसे बड़ा कारण उनकी डाइट को ही माना जाता है। अच्छी डाइट बच्चों के ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी है इसलिए माता-पिता को बच्चे की डाइट का ध्यान जरूर रखना चाहिए। बच्चों को शुरुआत में छह महीने की उम्र के बाद उन्हें मिनरल, प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और आयरन से युक्त भोजन देना चाहिए। इसके अलावा बच्चों को जंक फ़ूड से दूर रखना चाहिए। बच्चे की डाइट में वसा को शामिल करना चाहिए क्योंकि वसा से बच्चों को एनर्जी मिलती है। बच्चे को चॉकलेट, चिप्स या फास्ट फूड नहीं खिलाएं। इसकी जगह खाने में फल दें। कम से पौष्टिक आहार वाले खाने दिन में तीन से चार बार खिलाएं। अगर मां अपना दूध नहीं पिला रही हैं तो पौष्टिक आहार बहुत ही ज्यादा जरूरी है। दूध के बने पदार्थ का सेवन बच्चों को कराएं। गाय और भैंस का दूध पीने के लिए बच्चे को दें। डाइट में दूध, दही, मटर, हरी सब्जी, अंडा, चावल इत्यादि शामिल करें।
इसे भी पढ़ें : अच्छी सेहत के लिए अपने बच्चों को जरूर सिखाएं ये 6 आदतें, जीवनभर मिलेगा फायदा
इस डाइट का पालन करने से बच्चे के शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होगी और उसका वजन हमेशा हेल्दी बना रहेगा। इसके अलावा अच्छी डाइट बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी जरूरी मानी जाती है।
(All Image Source - Freepik.com)