बच्चों में लीडरशिप क्वालिटी बचपन से ही विकसित की जा सकती है। इसके लिए, उन्हें एक्स्ट्रा कलीकुलर एक्टिविटी में हिस्सा लेने को कहें।
Tips To Build Leadership Qualities In Kids In Hindi: सभी पेरेंट्स चाहते हैं कि वे अपने बच्चे को अच्छी चीजें सिखाएं, उनकी पर्सनालिटी को अच्छी तरह डेवेलप करें ताकि वे बड़े होकर सफलता के सभी मुकाम हासिल कर सकें। सफलता के शिखर पर पहुंचने के लिए बहुत जरूरी है कि पेरेंट्स अपने बच्चों में लीडरशिप क्वालिटी भी डेवेलप करें। इसके लिए, कुछ चीजें बहुत जरूरी होती हैं, जैसे बच्चे में आत्मविश्वास हो, वह जानकारियों और सूचनाओं से भरपूर हो, उसे दूसरों से बातची करना अच्छा लगता है। लेकिन, ऐसे स्किल्स हैं, जिन पर पेरेंट्स को बचपन से ही काम करना चाहिए। हालांकि, सवाल उठता है कि बच्चों की पर्सनालिटी में इन चीजों का कैसे शामिल किया जा सकता है, ताकि उनमें लीडरशिप क्वालिटी आ सके? इसके लिए, यहां दिए गए कुछ टिप्स को आप फॉलो कर सकते हैं।
यह एक ऐसा स्किल है, जो हर पेरेंट्स को अपने बच्चों को सिखाना चाहिए। बातचीत यानी कम्युनिकेशन स्किल हर व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने में मदद कर सकता है। वहीं, अगर बड़े होकर मीडिया, राजनीति, मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में अपना करियर बनाना चाहता है, तो कम्युनिकेशन स्किन उसके बहुत काम आएगी। कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर करने के लिए इन दिनों वैसे तो कई सारे कोर्सेस किए जाते हैं। लेकिन, पेरेंट्स को चाहिए कि वे छुटपने से ही बच्चे को बाचीत करने के लिए मोटिवेट करे।
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ज्यादातर पेरेंट्स यही सोचते हैं कि बच्चा आखिर किस तरह जीते। मौजूदा समय में हर पेरेंट्स के बीच अलग ही किस्म की होड़ लगी हुई है। स्कूल के बच्चों के पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा क्लास में फर्स्ट आए। इसके लिए, वे हर बच्चे को कई-कई घंटों पढ़ाते हैं। कई पेरेंट्स को बच्चों की खेलने-कूदने के टाइम को भी पढ़ने-लिखने में बिता देते हैं। सोचने वाली बात ये है कि जब बच्चा जीतने के लिए या फर्स्ट आने के लिए मेहनत करेगा, तो कभी भी अपनी हार को स्वीकार नहीं कर सकेगा। असल में, बच्चां की ग्रूमिंग के दौरान यह समझाना चाहिए कि अगर वह फर्स्ट नहीं आए या हार भी गए, तो कोई भी नहीं। कोशिश करनी नहीं छोड़नी चाहिए। बच्चों में हार को स्वीकार करने की आदत डालें। लीडरशिप के लिए यह क्वालिटी जरूरी है।
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बच्चों में लीडरशिप क्वालिटी तभी आ सकती है, जब बच्चे खुद से बढ़-चढ़कर कामकाज में हिस्सा लेंगे। इस तरह की क्वालिटी डेवेलप करवाने के लिए पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चे को सोशल इवेंट में उन्हें हिस्सा लेने के लिए मोटिवेट करें। इस दौरान, वे जरूरतमंदों को देखेंगे, उन्हें समझेंगे और उनकी हेल्प कर रहे लोगों से जानेंगे कि खुद से बढ़चढ़कर कैसे लिया जा सकता है। इस तरह की सिचुएशन में बच्चे फैसले लेना भी सीखते हैं।
स्पोर्ट्स न सिर्फ फिजिकल एक्टिविटी के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, बल्कि स्पोर्ट्स मेंट्ल हेल्थ को भी मोटिवेट करता है। ऐसे में देखा जाए, तो जो बच्चे अक्सर गेम्स या स्पोर्ट्स में रहते हैं, उनकी लाइफ में स्टेबिलिटी रहती है और मुश्किल से मुश्किल घड़ी में वे परेशान नहीं होते हैं। ऐसे बच्चे अक्सर समस्याओं के समाधान पर फोकस करते हैं। लीडर्स में सबसे अहम क्वालिटी में से एक यही माना जाता है कि वे परेशानियों से डरे नहीं, बल्कि उसका समाधान निकालें।
यह बहुत जरूरी है कि पेरेंट्स छुटपन से ही बच्चों का कॉन्फिडेंस बूस्ट करने पर काम करें। कॉन्फिडेंस बूस्ट करने के लिए जरूरी है कि बच्चा एक्सट्रा करीकुलर एक्टिविटी में हिस्सा ले, स्कूल के फंक्शन आदि में पार्टिसिपेट करे। इस तरह की एक्टिविटी बच्चों के आत्मविश्वास को जगाती है। कॉन्फिडेंस से भरे बच्चे अक्सर नए-नए एक्सपेरिमेंट करने से भी नहीं हिचकते हैं। इसके अलावा, लीडरशिप के लिए यह बहुत जरूरी गुणों में से एक है।
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