महिलाओं के चेहरे पर मुंहासे और अनचाहे बाल हो सकते हैं PCOD का संकेत, एक्सपर्ट से जानें इसका आयुर्वेदिक इलाज

डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार महिलाओं को चेहरे पर मुंहासे या बाल आने के संकेत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकिये समस्या इंफर्टिलिटी का कारण बन सकती है।

डॉ. चंचल शर्मा
Written by: डॉ. चंचल शर्माUpdated at: Dec 14, 2020 12:01 IST
महिलाओं के चेहरे पर मुंहासे और अनचाहे बाल हो सकते हैं PCOD का संकेत, एक्सपर्ट से जानें इसका आयुर्वेदिक इलाज

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चेहरे पर मुंहासे हों, तो चेहरे की सुंदरता फीकी पड़ जाती है। आमतौर पर मुंहासे होने का कारण त्वचा का अधिक ऑयली होना, बैक्टीरियल फंगल इंफेक्शन, जीवन में तनाव, हार्मोन का असंतुलन, खून की खराबी आदि होते हैं। आमतौर पर महिलाएं मुंहासों की समस्या को सामान्य मान कर अनदेखा कर देती हैं, जबकि कई बार ऐसा भी हो सकता है कि मुंहासे किसी बड़ी बीमारी का संकेत हों। इसलिए इन मुंहासों की समस्या को नजरअंदाज करना ठीक नहीं। ज्यादातार महिलाओं में मुंहासों की समस्या हार्मोन के असंतुलन के कारण होती है। इन्हीं कारणों में से एक कारण है पीसीओडी जिसके बारें में विस्तार से जानेंगे कि कैसे मुंहासे पीसीओडी जैसी गंभीर बीमारी का लक्षण बन सकते है।

महिलाओं को लेकर हुए एक सर्वे के अनुसार यह खुलासा हुआ है कि हर चार महिलाओं में से एक महिला को पीसीओडी की समस्या है परंतु यहां पर सबसे आश्चर्य वाली बात यह है कि 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं को इस बारे में कोई जानकारी नही होती है। महिलाओं के शरीर में यदि अनचाहे बाल या फिर मुंहासे आते है तो यह साफ तौर से संकेत देते हैं कि महिला पीसीओडी (PCOD) या फिर पीसीओएस (PCOS) का शिकार हो सकती है। यदि समय रहते आप इस बीमारी पर ध्यान नहीं देते हैं तो कुछ समय पश्चात आपको इसके घातक दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। जिससे की पीड़ित महिला के स्वास्थ्य पर गहरा असर देखने को मिल सकता है।

Signs of PCOD and Acne

क्यों होते है मुंहासे? (Causes of Acne/Pimples in Women)

एंड्रोजन एक पुरुष हार्मोन होता है, जो पुरुष सेक्स हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि ये हार्मोन महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही पाया जाता है। इस हार्मोन की अधिकता महिलाओं के शरीर में हार्मोन का असंतुलन पैदा कर देती है।  जिसकी वजह से महिलाओं के शरीर में अनचाहे बाल एवं मुंहासे निकलना शुरु हो जाते हैं। महिलाओं के शरीर में यदि मुंहासे हो जाते है तो इससे पीसीओडी या पीसीओएस जैसी गंभीर बीमारी के होने की पूर्ण संभावना हो सकती है।

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क्यों खतरनाक है मुंहासों को नजरअंदाज करना? (Why You Should not Ignore Acne or Pimples on Face?)

मुंहासे एक ऐसी समस्या है जिसके कारण महिलाओं का चेहरा तो खराब होता ही है साथ ही इन्हें लंबे समय तक नजरअंदाज करना कई बार महिला को निःसंतानता (बच्चा न होने की समस्या) का शिकार बना सकता है। दरअसल अगर मुंहासों का कारण PCOS या PCOD है, तो लंबे समय में ये इंफर्टिलिटी का कारण बन सकता है, जिसके कारण महिला को गर्भधारण करने में परेशानी आती है। एलोपैथी  के विशेषज्ञों की मानें तो मुंहासे के लक्षणों को पहनचान कर पीसीओडी की समस्या का समाधान करना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है परंतु इसको आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से ठीक करके पीसीओडी से छुटकारा पाया जा सकता है। पीसीओडी की समस्या दूर हो जाने के बाद महिला निःसंतानता का शिकार होने से बच सकती है।

Facial hair and PCOD/PCOS Signs

पीसीओडी के लक्षण  (Symptoms of PCOD or PCOS in Hindi)

फर्टिलिटी विशेषज्ञों के अनुसार मुंहासे एवं पीसीओडी के कुछ सामान्य से लक्षण हैं जिससे भारत की 5 से 7 प्रतिशत महिलाएं प्रभावित हैं।

  • महिलाओं में माहवारी की समस्या निःसंतानता जैसी समस्या के लक्षणों को दर्शाती है। जिन महिलाओं में एक वर्ष में पीरियड्स की संख्या 9 से कम होती है वह महिलाएं आलिगोमेनोरिया (oligomenorrhea) नामक बीमारी से ग्रसित हो जाती हैं। इसके अलावा भी महिलाओं को माहवारी से संबंधित कुछ और भी समस्याएं हो सकती हैं।
  • महिलाओं के शरीर के कुछ ऐसे हिस्सों में अनचाहे बाल आ जाते है और मुंहासे भी होते है। जिसकी वजह होती है हाइपरएंड्रोजेनिज्म (Hyperandrogenism) अर्थात महिला शरीर में पुरुष हार्मोन की अधिकता ।
  • हाइपरमेनोरिया (Hypermenorrhea) महिलाओं में होने वाली एक ऐसी बीमारी है जिसका संबंध महिला के मासिक चक्र से होता है। इस बीमारी में महिला का मासिक चक्र सामान्य माहवारी से अधिक लम्बा तथा काफी जटिल हो जाता है।
  • महिला में बालों को लेकर एक ऐसी समस्या है जिसमें महिला के बाल बहुत ही पतले होने लगते है और साथ ही झड़ने भी लगते है। ऐसी बीमारी को एंड्रोजेनिक हेयर थिनिंग (Androgenic hair thinning) कहते है जोकि पीसीओडी या निःसंतानता का एक लक्षण है।
  • होमोसिस्टीन हार्मोन (Homocysteine hormone) की अधिकता जब महिलाओं के शरीर में हो जाती है तो उसका मेटाबॉलिज्म (Metabolism) बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। मेटाबॉलिज्म के प्रभावित हो जाने के बाद महिलाएं अपने वजन में नियंत्रण नहीं रख पाती हैं। इसलिए बढ़ा हुआ वजन भी पीसीओडी के लक्षण को दर्शाता है।

मुंहासे एवं पीसीओडी के कारण (Acne and PCOD in Women)

आयुर्वेद के अनुसार कील-मुंहासे या पिंपल्स होने का सबसे बड़ा कारण आहार को माना गया है। जंक फूड एवं तैलीय भोजन (Oily Foods)  के सेवन से महिलाओं की त्वचा तैलीय (Oily Skin) हो जाती है जिससे कि मुंहासे निकलते हैं। इसके अतिरिक्त भी इसके बहुत सारे कारण हैं जो नीचे दर्शाये गये हैं-

  • आज के समय में महिलाओं में बढ़ता धूम्रपान के प्रति लगाव एवं एल्कोहल का प्रयोग पीसीओडी एवं मुंहासे जैसी समस्या को जन्म देता है।
  • अत्यधिक चिंता करना ।
  • व्यायाम का न करना।
  • आनुवांशिक कारण भी जिम्मेदार हो सकते है।
  • हार्मोन का असंतुलन

पीसीओडी/पीसीओएस की जांच (Diagnosis of PCOD/PCOS)

  • यदि आपको मुंहासे है तो आपको पीसीओडी की जाँच करवानी चाहिए। यदि इस जाँच में मुंहासों का कारण पीसीओडी निकलता है, तो आपको डॉक्टर के परामर्श के अनुसार इसका इलाज अवश्य करना चाहिए। निम्नलिखित जाँच की मदद से आप पता लगा सकते है कि मुंहासों का कारण पीसीओडी तो नही है।
  • सर्व प्रथम आपको डॉक्टर शरीरिक जाँच  का परामर्श देते है। इसमें आपके ब्लड प्रेशर एवं पेल्विक एरिया (Blood pressure and pelvic area) की जाँच की जाती है। इस जाँच के माध्यम से डाक्टर शरीर में उगे अनचाहे बाल एवं मुंहासे (Unwanted Hair and Pimples) के कारणों का पता लगाते है।
  • शरीरिक जाँच में यदि डॉक्टर को पीसीओडी की सटीक जानकारी प्राप्त नहीं होती है तो वह आपको पेल्विक जाँच (Pelvic test) के लिए सुझाव दे सकता है। पेल्विक जाँच में Vagina, cervix, uterus, fallopian tubes इत्यादि प्रजनन अंगों की जाँच शामिल होती है।
  • इन दो टेस्ट के अतिरिक्त पेल्विक अल्ट्रासाउंड (Pelvic ultrasound) नाम की भी एक और जाँच होती है। पेल्विक अल्टासाउंड में ovaries Cysts और uterine lining के लिए अल्ट्रासाउंट की मदद लेते है। इसमें पीरियड्स की समस्या भी सामने आ जाती है।
  • LH-FSH हार्मोन का ब्लड टेस्ट होता है, जिससे एफएसएच के स्तर का पता लग जाता है।
PCOS/PCOD Signs and Treatment in Hindi

मुंहासों को ठीक करने के घरेलू उपाय (Home remedies for Acne or Pimples in Hindi)

  • एलोवेरा (aloe vera) एक आयुर्वेदिक औषधि है जो कि मुंहासो को दूर करने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय है। एलोवेरा में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण मुंहासों को दूर करने में मदद करते है।
  • ग्रीन टी के नियमति सेवन से आप मुंहासों को दूर कर सकते है। ग्रीन टी में एंटीआक्सीडेंट्स और माइक्रोबियल (Antioxidant and microbial) जैसे गुण मौजूद होते है जो मुंहासों से छुटकारा दिलाने में सहायक होते हैं।
  • नारियल का तेल जीवाणुनाशक होता है और नारियल के तेल में Vitamin E पाई जाती है। नारियल तेल में मौजूद विटामिन ई से द्वारा चेहरे के दाग धब्बे आसानी से दूर हो जाते हैं।
  • शहद और दालचीनी के पाउडर (Honey and Cinnamon Powder) में एंटीइंफ्लेमेट्री गुण होते है, जो कि बैक्टीरिया (Bacteria) को पनपने से रोकते हैं और चेहरे को स्वस्थ रखते हैं।

मुंहासे एवं पीसीओडी/पीसीओएस का आयुर्वेदिक उपचार (PCOD/PCOS Ayurvedic Treatment)

आयुर्वेद में भी पीसीओडी या पीसीओएस के लिए इलाज मौजूद हैं। महिलाओं की प्रजननन क्षमता को मजबूत करने के लिए सबसे पहले हार्मोन का संतुलन बहुत जरुरी होता है। इसके लिए आयुर्वेद में बहुत सारी हर्बल दवाओं का प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के सेवन से अंडाशय में गांठ और सूजन में आराम मिल जाता है। पीसीओडी के अन्य विकार जैसे कि वजन में वृद्धि, पाचन संबंधी परेशानी इत्यादि समस्याओं से निजात मिलती है।

प्राचीन आयुर्वेद के पीसीओडी दूर करने के उपाय (Ayurvedic Remedies for PCOD)

  • PCOD के लक्षणों में अपान वायु, कफ दोष, अग्निमांद्य और मेदोवृद्धि प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार इसे देखते हुए आहार और नियमित व्यायाम का पालन किया जाना चाहिए।
  • पीसीओएस के लिए आयुर्वेदिक दवा को सिंड्रोम के रोगजनन के अनुसार चुना जाता है।
  • त्रिकटु चूर्ण, हरीतकी चूर्ण, हिंग्वाष्टक चूर्ण, चित्रकादि गुटिका आदि का उपयोग अग्निमांद्य और अन्य पाचन के लिए किया जाता है। इन जड़ी बूटियों से अपान- वात अनुलोमन की सुविधा होती है।
  • मोटापा दूर करने लिए, मधु (शहद), यव (जौ), कुल्थी (दाल) आदि के साथ आहार में संशोधन का जिक्र भी चरक संहिता के (अष्टदल) अध्याय में उल्लेखित है।
  • नियमित व्यायाम के साथ जीवन शैली में बदलाव मोटापे को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

नोट – ऊपर बतायें गये सभी उपाय एवं उपचार आशा आयुर्वेदा की आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा से हुई बातचीत के दौरान प्राप्त हुए है।

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