ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपीनिया से बचाव के तरीके

ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपीनिया हड्डियों की बीमारी है, जो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक होती है। 

Nachiketa Sharma
Written by: Nachiketa SharmaUpdated at: Jun 20, 2014 11:24 IST
ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपीनिया से बचाव के तरीके

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ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपीनिया हड्डियों से संबंधित बीमारी है जो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक होती है। एक अनुमान के मुताबिक केवल भारत में लगभग 3 करोड़ से ज्‍यादा लोग इस बीमारी के शिकार हैं। खास बात यह है कि हड्डियों को निशाना बनाने वाली यह बीमारी आधुनिक जीवनशैली के कारण युवाओं को भी अब अपना शिकार बना रही है। तीस के बाद ही महिलाओं की हड्डियों में फ्रैक्चर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

हड्डियों की कमजोरी आज एक आम समस्या बन गई है। यह सही है कि उम्र बढ़ने के साथ इस बीमारी की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है। मेनोपॉज यानी 50 की उम्र के बाद की महिलाओं को यह समस्‍या होना स्‍वाभाविक है। लेकिन आधुनिक जीवन शैली ने हमारी दिनचर्या और खानपान की आदतों में ऐसा बदलाव किया है कि युवा भी तेजी से इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ रहा है।

Prevent Osteoporosis and Osteopenia in Hindi


ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपीनिया में अंतर

ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसमें हड्डियों का बोन मास कम हो जाता है और वे भुरभुरी हो जाती हैं। इस बीमारी में दर्द के अलावा हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इसे साइलेंट बीमारी कहा जाता है। यह धीरे धीरे होता है और बढ़ता जाता है, फिर इसका इलाज मुश्किल हो जाता है।

ऑस्टियोपीनिया हड्डियों की समस्‍याओं के फैलने की शुरूआती अवस्‍था है, यानी हडिृडयों के बोन मास में कमी होने की शुरूआती स्थिति को ऑस्टियो‍पीनिया कहा जाता है। इस बीमारी में हड्डियों का घनत्‍व यानी बोन डेंसिटी कम हो जाता है। बाद में ही यही बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस का रूप ले लेती है।


बचाव के तरीके

  • खानपान के में बदलाव करके इस बीमारी की संभावना को कम किया जा सकता है। पोषक आहार का सेवन कीजिए, ऐसा आहार जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर मात्रा में मौजूद हों, हरी पत्तेदार सब्जियां खायें, डेयरी उत्‍पाद का सेवन करें, खाने में मछली को शामिल कीजिए।
  • नियमित रूप से 1,500 मिलिग्राम कैल्शियम का सेवन हड्डियों को मजबूत रखने के लिए जरूरी है।
  • शरीर का भार औसत रखें, वजन बढ़ने न दें, मोटापे के कारण भी हड्डियों की बीमारी हो सकती है।
  • प्रतिदिन एक मील पैदल चलने की कोशिश करें। पैदल चलना बोन मास को बढ़ाने में सहायक है।
  • शारीरिक रूप से सक्रिय रहने की कोशिश करें, नियमित रूप से एक्सरसाइज और योग का अभ्‍यास कीजिए।

Steps to Prevent Osteoporosis and Osteopenia in Hindi

टेस्‍ट जरूर करायें

अगर उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों में समस्‍या हो रही है तो उसे नजरअंदाज बिलकुल भी न करें, 40 साल की उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस की जांच के लिए बोन डेंसिटी टेस्ट जरूर करायें, इसे डेक्सास्कैन कहते हैं। अगर खतरा नहीं है तो दर्द आदि की समस्या होने पर भी यह टेस्ट कराना चाहिए। सामान्य लोगों को टेस्ट की जरूरत नहीं होती। हालांकि बोन डैंसिटी कम हो तो जरूरी नहीं कि ऑर्थराइटिस हो ही।


विटामिन डी की कमी, डायबिटीज और थॉयराइड बीमारियां, गर्भावस्‍था के दौरान पोषण की कमी, धूम्रपान और शराब का सेवन आदि इस बीमारी के लिए जिम्‍मेदार कारक हो सकते हैं।

 

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