ऑस्टियोपोरोसिस से बचायें ये व्‍यायाम

उम्र बढ़ने के साथ ऑस्टियोपोरोसिस के होने की संभावना बढ़ जाती है, व्‍यायाम न करने के कारण हड्डियों का घनत्‍व कम होता है और हड्डियां कमजोर हाने लगती हैं।

Nachiketa Sharma
Written by:Nachiketa SharmaPublished at: Dec 11, 2014

ऑस्टियोपोरिस से बचाव के लिए व्‍यायाम

ऑस्टियोपोरिस से बचाव के लिए व्‍यायाम
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विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के आंकड़ों की मानें तो पूरी दुनिया में हर तीन में से एक महिला और हर पांच में से एक पुरुष को ऑस्टियोपोरोसिस से फ्रैक्चर का खतरा बना रहता है। इसका कारण हड्डियों के घनत्‍व का कम होना और जो हड्डियों के कमजोर होने के कारण होता है। सिर्फ कैल्शियम की कमी से ही हड्डियां कमजोर नहीं होती हैं, बल्कि व्‍यायाम न करने के कारण भी हड्डियां कमजोर होती हैं। इसलिए ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी के खतरे को कम करने और हड्डियों को कमजोर बनाने के लिए नियमित रूप से व्‍यायाम करें। image source - getty images

कैसे होता है ऑस्टियोपोरोसिस

कैसे होता है ऑस्टियोपोरोसिस
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इसका शाब्दिक अर्थ पोरस बोन्स है, यह वह बीमारी, जिसमें हड्डियों की गुणवत्ता और घनत्व कम होने लगता है। इस बीमारी में हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं। हमारी हड्डियां कैल्शियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन के अलावा कई तरह के दूसरे मिनरल्स से मिलकर बनती हैं। अनियमित जीवनशैली और बढ़ती उम्र के साथ-साथ ये मिनरल खत्‍म होने लगते हैं जिससे हड्डियों का घनत्‍व कम होने लगता है और हड्डियां कमजोर हो जाती है। कई बार हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि सामान्‍य चोट लगने पर भी फ्रैक्‍चर हो जाता है। image source - getty images

हड्डियों को मजबूत बनायें

हड्डियों को मजबूत बनायें
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हड्डियां कमजोर होने के कारण उम्र बढ़ने पर हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। 40 साल की उम्र के बाद यह खतरा और भी बढ़ जाता है। अन्‍य देशों की तुलना में भारतीय महाद्वीप के लोगों की हड्डियां अधिक कमजोर होती हैं, क्‍योंकि वे व्‍यायाम नहीं करते। व्‍यायाम करने से हड्डियों का घनत्‍व कम नहीं होता और बढ़ती उम्र का भी असर उनपर नहीं होता है। image source - getty images

स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग करें

स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग करें
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हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग कीजिए। इससे न केवल मांसपेशियां मजबूत होती हैं बल्कि अधिक वजन उठाने से हड्डियां भी मजबूत होती हैं। अधिक वजन हड्डियों पर अधिक दबाव डालता है जिससे वे मजबूत बनती हैं। लेकिन अपनी क्षमता के अनुसार ही स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग कीजिए। अधिक वजन उठाने से मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है। स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग सप्‍ताह में 5 दिन जरूर करें। image source - getty images

हाइकिंग और ट्रेकिंग

हाइकिंग और ट्रेकिंग
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अगर आप प्रकृति प्रेमी है और पहाड़ आपको बुलाते हैं तो इसे नजरअंदाज न करें। इसके दोहरे फायदे हैं, एक तरफ जहां आप प्रकृति की मनोरम छटा का लुत्‍फ उठायेंगे दूसरी तरफ अपनी हड्डियों को भी मजबूत बनायेंगे। इसलिए जितना अधिक हो सके पर्वतारोहण करें, ट्रेकिंग करें, ऊंचाई वाले स्‍थानों पर लंबी पैदल यात्रा करें। यह आपकी हड्डी को मजबूत बनायेंगे साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करेंगे। image source - getty images

डांसिंग या एरोबिक्‍स

डांसिंग या एरोबिक्‍स
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अगर डांस करना आपका शौक है तो यह आपकी हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद है। अगर यह शौक नहीं भी है तो इसे अपना शौक बनायें। अपनी पसंदीदा गाने पर सबके सामने ठुमके नहीं लगा सकते हैं तो घर में अकेले डांस कीजिए। डांसिंग से पैरों के साथ-साथ पूरे शरीर का व्‍यायाम हो जाता है। यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाला व्‍यायाम है। एरोबिक्‍स भी कर सकते हैं। image source - getty images

दौड़ना

दौड़ना
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दौड़ने को सबसे बेहतर कार्डियो एक्‍सरसाइज माना जाता है। नियमित रूप से दौड़ने के कई फायदे हैं, इससे वजन नियंत्रित रहता है, यह दिल को मजबूत बनाता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है, इसके अलावा यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। इसलिए रोज दौड़ना शुरू कीजिए, शुरूआत में थोड़ी दूर दौड़ें धीरे-धीरे अपने दौड़ने का दायरा बढ़ायें। दौड़ने के लिए अच्‍छे जूतों का चयन करना बहुत जरूरी है। image source - getty images

योग करें

योग करें
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हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए योगा कीजिए। योगा करने से शरीर के जोड़ मजबूत होते हैं, शरीर का संतुलन बेहतर होता है। योग से शरीर शरीर लचीला भी होता है। योग करने से कई प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है। पर्वतासन, भुजंगासन, सूर्यनमस्‍कार, बज्रासन आदि आजमायें। सुबह के वक्‍त योग करने से अधिक फायदा होता है। इसलिए रोज सुबह 20-30 मिनट तक योग करें। image source - getty images

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