प्रेग्नेंसी से पहले, इस दौरान और प्रेग्नेंसी के बाद भी महिलाओं के लिए कई सारी समस्याएं आती हैं। ये समस्याएं सिर्फ फिजिकल ही नहीं होतीं, बल्कि मानसिक भी होती हैं। ऐसे में जरूरी ये है कि आप अपने प्रेग्नेंसी के दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम स्थितियों का ख्याल रखें और इससे जुड़े कोई भी संकेत को नजरअंदाज न करें। इसके अलावा भी प्रेग्नेंसी की ऐसी कई आम समस्याएं हैं, जो हर महिला अनुभव करती हैं। तो आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी से जुड़ी सभी समस्याएं।
गर्भावस्था के दौरान ही नहीं इसके पहले भी महिलाओं को बहुत सारी परेशानियां होती हैं। ऐसे में जरूरी ये है कि आप अपने स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और सुनिश्चित करें जो समस्याएं आपको हो रही हैं, वो प्रेग्नेंसी को कितना प्रभावित कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, जैसे
गर्भावस्था के लक्षण और जटिलताएं हल्की और कष्टप्रद हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याओं में शारीरिक और मानसिक स्थितिया शामिल हो सकती हैं जो मां या बच्चे किसी के भी स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। ये समस्याएं गर्भवती होने के कारण हो सकती हैं या बदतर हो सकती हैं। हालांकि, गर्भावस्था की शुरुआती समस्याएं (Early pregnancy problems) की बात करें, तो उनमें शामिल हैं
एनीमिया स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की सामान्य संख्या से कम होने पर होती है। महिलाओं में खून की कमी के पीछे सबसे बड़ा कारण एनीमिया है। गर्भावस्था से संबंधित एनीमिया से पीड़ित महिलाएं थका हुआ और कमजोर महसूस कर सकती हैं। ऐसे में आयरन और फोलिक एसिड सप्लीमेंट लेने से यह मदद मिल सकती है। इसके अलावा डॉक्टर इस दौरान लगातार महिलाओं का ब्लड टेस्ट करवाते हैं।
मूत्र पथ का इंफेक्शन प्रेग्नेंसी में बहुत आम हो जाती है। ये यूटीआई इंफेक्शन के कारण होता है । इसके इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसे कि
गर्भावस्था से पहले और उसके दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या गर्भवती महिला और उसके बच्चे को खतरे में डालता है। यह प्रसूति संबंधी जटिलताओं जैसे कि प्रीक्लेम्पसिया एक्सैटरनल आइकन, प्लेसेंटल एबॉर्शन और जेस्टेशनल डायबिटीज के लिए बढ़े हुए जोखिम के साथ जुड़ा हुआ है। इन महिलाओं को डिलीवरी में कई परेशानियां हो सकती हैं, जैसे कि प्रसवपूर्व प्रसव,उम्र के हिसाब से शिशु छोटा होना और शिशु मृत्यु। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गर्भवती होने से पहले रक्तचाप की समस्याओं पर चर्चा करें ताकि गर्भावस्था से पहले आपके रक्तचाप का उचित उपचार और नियंत्रण हो सके।
गर्भवती होने से पहले एक महिला का वजन जितना ज्यादा होता है, गर्भावस्था की जटिलताओं का उतना ही अधिक जोखिम होता है, जिसमें प्रीक्लेम्पसिया, जीडीएम, स्टिलबर्थ और सिजेरियन डिलीवरी शामिल हैं। साथ ही, सीडीसी शोध से पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान मोटापा कई सारी परेशानियों को और बढ़ा देता है। इसके अलावा वजन का कम होना भी प्रेग्नेंसी की परेशानियों को और बढ़ा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान मधुमेह के प्रकारों के बारे में जानना बेहद जरूरी होता है। जेस्टेशनल डायबिटीज, वो परेशानी है जो गर्भावस्था में कई जटिलताएं पैदा करता है। मधुमेह का प्रबंधन महिलाओं को स्वस्थ गर्भधारण और स्वस्थ शिशुओं की मदद कर सकता है।
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान या बाद में अवसाद का अनुभव होता है। जिनमें कुछ लक्षण शामिल हैं, जैसे कि
प्रसव की जटिलताएं महिला के स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा प्रभावित करती हैं। जैसे कि
एक बच्चे को एक ब्रीच स्थिति में माना जाता है जब उनके पैरों को उनके सिर की स्थिति उल्टी हो जाती है। इस स्थिति में पैदा होने वाले अधिकांश बच्चे स्वस्थ होते हैं। अगर आप अपने बच्चे में संकट के लक्षण दिखाई देते हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें। प्रसव शुरू होने के समय बच्चा अभी भी ब्रीच स्थिति में होता है, तो अधिकांश डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी की सलाह देते हैं।
प्लेसेंटा प्रेविया का मतलब है कि प्लेसेंटा गर्भाशय ग्रीवा को कवर कर रहा है।अगर यह मामला है तो डॉक्टर आमतौर पर सिजेरियन डिलीवरी करेंगे।
कम जन्म वजन आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान खराब पोषण या सिगरेट, शराब या ड्रग्स के उपयोग के कारण होता है। ऐसे शिशुओं को कुछ बीमारियों का ज्यादा खतरा रहता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में अगर इनमें से कुछ संकेत मिले, तो उन्हें सचेत हो जाना चाहिए।
हर महिला चाहती है कि उसे एक स्वस्थ और आसान प्रेग्नेंसी के साथ मां बनें। दुर्भाग्य से, कुछ महिलाओं को गर्भावस्था की कुछ जटिलताओं को विकसित करने का अधिक जोखिम होता है। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि गर्भावस्था की समस्याओं तो विकसित करने से कैसे रोका जा सकता है। जैसे कि
इन तमाम प्रकार की समस्याओं से प्रेग्नेंसी में सबसे पहले बचने की कोशिश करें। इसके लिए अपने स्वास्थ्य का शुरू से ही ख्याल रखें। प्रेग्नेंसी के पहले से ही खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रखें और प्रेग्नेंसी के दौरान लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहें और एक हेल्दी लाइफस्टाइल का चुनाव करें। तो, इस तरह अगर आप गर्भावस्था से जुड़ी तमाम समस्याओं के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, उनके उपाय और ट्रीटमेंट के लिए एक्सपर्ट टिप्स चाहते हैं, तो ऑनली माय हेल्थ पर पढ़ते रहें 'गर्भावस्था समस्यायें - PREGNANCY PROBLEMS IN HINDI'
Source: CDC
American College of Obstetricians and Gynecologists