जब करें गर्भधारण तो करें इन बातों का खयाल

जब करना हो गर्भधारण: गर्भावस्‍था के दौरान आप सामान्‍य दिनों की तुलना में व्‍यायाम और जागिंग नही कर सकते हैं जिसके कारण मोटापा, हाइपरटेंशन, मधुमेह, कब्‍ज जैसी बीमारियों के होने की संभावना ज्‍यादा होती है। इसलिए इन तरीकों को अपना

Shabnam Khan
Written by: Shabnam Khan Updated at: Mar 17, 2015 00:00 IST
जब करें गर्भधारण तो करें इन बातों का खयाल

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यूं तो ऐसी कई चीजें है, जिनसे आपको गर्भावस्था के दौरान सावधान रहना चाहिए। देखा जाए तो यह फेहरिस्त काफी लंबी है। लेकिन इनमें से कुछ बातें ऐसी हैं जिनका ध्यान रखने की आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।

 

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आइये जानते हैं कुछ ऐसी बातों को जिनका ध्यान रखने से गर्भावस्था के दौरान महिला को किसी किस्म की दिक्कत नहीं झेलनी पड़ती।

  • जैसे ही पुष्टि हो जाती है कि आप गर्भवती हैं उसके बाद से प्रसव होने तक आप किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ की निगरानी मे रहें तथा नियमित रुप से अपनी चिकित्सीय जाँच कराती रहें।
  • गर्भधारण के समय आपको अपने रक्त वर्ग (ब्ल्ड ग्रुप), विशेषकर आर. एच. फ़ैक्टर की जांच करनी चाहिए। इस के अलावा रूधिरवर्णिका (हीमोग्लोबिन) की भी जांच करनी चाहिए।
  • यदि आप मधुमेह, उच्च रक्तचाप, थाइराइड आदि किसी, रोग से पीड़ित हैं तो, गर्भावस्था के दौरान नियमित रुप से दवाईयां लेकर इन रोगों को नियंत्रण में रखें।
  • गर्भावस्था के प्रारंभिक कुछ दिनों तक जी घबराना, उल्टियां होना या थोड़ा रक्त चाप बढ़ जाना स्वाभाविक है लेकिन यह समस्याएं उग्र रुप धारण करें तो चिकित्सक से सम्पर्क करें।
  • गर्भावस्था के दौरान पेट मे तीव्र दर्द और योनि से रक्त स्राव होने लगे तो इसे गंभीरता से लें तथा चिकित्सक को तत्काल बताएं।
  • यदि किसी नए चिकित्सक के पास जाएं तो उसे इस बात से अवगत कराएं कि आप गर्भवती हैं क्योकि कुछ दवाएं गर्भस्थ शिशु पर बुरा प्रभाव छोडती है।
  • चिकित्सक की सलाह पर गर्भावस्था के आवश्यक टीके लगवाएं व लोहतत्व (आयर्न) की गोलियों का सेवन करें।
  • गर्भावस्था मे मलेरिया को गंभीरता से लें, तथा चिकित्सक को तत्काल बताएं।
  • गंभीरता से चेहरे या हाथ-पैर मे असामान्य सूजन, तीव्र सिर दर्द, आखों मे धुंधला दिखना और मूत्र त्याग मे कठिनाई की अनदेखी न करें, ये खतरे के लक्षण हो सकते हैं।

 

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  • गर्भ की अवधि के अनुसार गर्भस्थ शिशु की हलचल जारी रहनी चाहिए। यदि बहुत कम हो या नही हो तो सतर्क हो जाएं तथा चिकित्सक से संपर्क करें।
  • आप एक स्वस्थ शिशु को जन्म दें, इस के लिए आवश्यक है कि गर्भधारण और प्रसव के बीच आप के वजन मे कम से कम १० कि.ग्रा. की वृद्धि अवश्य हो।
  • गर्भावस्था में अत्यंत तंग कपडे न पहनें और न ही अत्याधिक ढीले।
  • इस अवस्था में ऊची एड़ी के सैंडल न पहने। जरा सी असावधानी से आप गिर सकती है
  • इस नाजुक दौर मे भारी श्रम वाला कार्य नही करने चाहिए, न ही अधिक वजन उठाना चाहिए। सामान्य घरेलू कार्य करने मे कोई हर्ज नही है
  • इस अवधि मे बस के बजाए ट्रेन या कार के सफ़र को प्राथमिकता दें।

 

इन उपर्युक्त बातों के अलावा भी गर्भवती महिला को छोटी छोटी बातों का खयाल करना चाहिए। जैसे कि, आठवें और नौवे महीने के दौरान सफ़र न ही करें तो अच्छा है। चौबीस घंटे मे आठ घंटे की नींद अवश्य लें। गर्भावस्था मे सदैव प्रसन्न रहें। आदि।

 

Image Source - Getty Images    

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