प्रेग्नेंसी में मां और बच्चे दोनों की देखभाल और स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रेग्नेंसी के दिनों में जैसा आपका स्वास्थ्य रहेगा, वो आगे चल कर भी आपको और आपके बच्चे को प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था में देखभाल को तीन हिस्सों में बांटा गया है। सबसे पहले आता है प्रसव पूर देखभाल (Prenatal Care), प्रेग्नेंसी के दौरान देखभाल (During Pregnancy) और पोस्टपार्टम केयर (Postpartum Care)। ये तीनों ही मां और बच्चे के स्वस्थ जीवन को सुनिश्चित करते हैं।
अपने बच्चे के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रसवपूर्व देखभाल (Prenatal Care)बेहद जरूरी है। अगर आपको लगता है कि आप गर्भवती हैं, तो आपको सबसे पहले डॉक्टर से बात करनी चाहिए और उनसे आगे के लिए स्वस्थ रहने का सही उपाय जानना चाहिए। इस दौरान सबसे पहले को डॉक्टर आपका गर्भावस्था परीक्षण करेगा, और यह पता लगाएगा कि आप शारीरिक परीक्षा और आपकी अंतिम पीरियड्स की तारीख (date of last periods) पर कितने सप्ताह की गर्भवती हैं। वह आपकी डिलीवरी की तारीख की भविष्यवाणी करने के लिए इस जानकारी का उपयोग करेगा। अगर आप स्वस्थ हैं और कोई जटिल जोखिम वाले कारक नहीं हैं, तो हर कुछ महीने पर डॉक्टर आपको चेकअप के लिए बुलाएंगे। जैसे कि
प्रसव पूर्व देखभाल (Prenatal Care),गर्भावस्था के दौरान जोखिम को कम करने में मदद करती है और एक सुरक्षित और स्वस्थ प्रसव की संभावना को बढ़ाती है। जिन माताओं की प्रीनेटल केयर में कमी नजर आती हैं, उन्हें कम वजन वाले शिशु हो सकते हैं। इस अवधि के दौरान गर्भवती मां को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि
गर्भवती महिलाओं को हर दिन लगभग 30 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है। क्योंकि हीमोग्लोबिन बनाने के लिए शरीर को आयरन की जरूरत होती है, जो रेड ब्लड सेल्स के ऑक्सीजन ले जाने वाला घटक है। रेड ब्लड सेल्स सभी कोशिकाओं को ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए पूरे शरीर में घूमती हैं। पर्याप्त आयरन के बिना, शरीर पर्याप्त रूप से रेड ब्लड सेल्स नहीं बना सकता है और शरीर के ऊतकों और अंगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जिससे बच्चे के विकास में बाधा आ सकती है। इसलिए अपने खाने आयरन युक्त चीजों को शामिल करें। जैसे कि
प्रीनेटल केयर में एरोबिक एक्सरसाइज (aerobic exercise) 150 मिनट करें। अगर आप गर्भवती होने से पहले बहुत सक्रिय हैं या तीव्र एरोबिक गतिविधियां करती हैं, तो आप अपने वर्कआउट को बनाए रखने में सक्षम हो सकती हैं, पर आप अपने डॉक्टर से भी इसे बारे में जरूर बात करें। साथ ही ये आपको कई तरह से फायदेमंद भी है। जैसे कि
एक बार जब आप गर्भवती हो जाती हैं, तो आपको अपनी गर्भावस्था के प्रत्येक चरण में नियमित स्वास्थ्य देखभाल नियुक्तियों को निर्धारित करना होगा। जिसमें कि
अगर आपकी गर्भावस्था को आपकी उम्र या स्वास्थ्य स्थितियों के कारण उच्च जोखिम माना जाता है, तो आपको अपना ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। आपको अपने डॉक्टर से हर समय टच में रहना चाहिए जो कि उच्च जोखिम वाले गर्भधारण के साथ काम करता रहेगा
अक्सर लोगों का ध्यान प्रेग्नेंसी के दौरान की देखभाल पर ही ज्यादा होता है। ऐसे में जरूरी है कि आप गर्भावस्था के नौ महीनों पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा, प्रसवोत्तर देखभाल भी खासा ध्यान रखें। इस अवधि के दौरान, मां अपने नवजात शिशु की देखभाल के लिए कई शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तनों से गुजरती है। प्रसवोत्तर देखभाल में उचित आराम, पोषण और वजाइनल हेल्थ केयर भी शामिल है। ऐसे में इन टिप्स को अपने लाइफस्टाइल में जरूर शामिल करें। जैसे कि
1. स्वस्थ वजन (Healthy Weight)
2. पौष्टिक भोजन (Healthy Eating)
3. शारीरिक गतिविधि (Physical Activity)
4. बेबी और अपनी केयर (Mother and Baby care)
विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान बहुत अधिक वजन बढ़ना गर्भावस्था के दौरान गर्भावधि मधुमेह और उच्च रक्तचाप के विकास की संभावना को बढ़ाता है। ये बाद में भी टाइप 2 मधुमेह और उच्च रक्तचाप के जोखिम को भी बढ़ाता है। अगर आप गर्भवती होने पर अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, तो स्वास्थ्य समस्याओं के लिए आपकी संभावना अधिक हो सकती है। आपको सिजेरियन सेक्शन (सी-सेक्शन) होने की अधिक संभावना हो सकती है। इसलिए प्रेग्नेंसी से पहले या बाद में भी संतुलित वजन रखने की कोशिश करें। इसके अलावा प्रेग्नेंसी से पहले या बाद में भी पौष्टिक भोजन करना, शारीरिक गतिविधियों में एक्टिव रहना और बेबी और अपनी केयर करना भी बेहद जरूरी है। तो, अगर आपको गर्भावस्था में देखभाल से जुड़ी कोई भी सुझाव चाहिए या टिप्स चाहिए तो ऑनली माय हेल्थ के 'गर्भावस्था में देखभाल - PREGNANCY CARE IN HINDI' पढ़ें।
Source: https://www.niddk.nih.gov/
American College of Obstetricians and Gynecologists (ACOG)