गर्भवती होने का मतलब यह नहीं है कि आप 9 महीने के लिए अपने आप को घर में ही कैद कर लें। आप प्रेग्नेंसी के दौरान यात्राओं पर जा सकते हैं, बस आपको अपने स्वास्थ्य के अनुसार जगह का चुनाव, जाने की जरूर और यात्रा का सारा प्रंबध देखना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रेग्नेंसी में कहीं भी नहीं जाया जा सकता है। जैसे कि बहुत ऊंचाई वाली जगहों पर या ऐसी जगहों पर जहां थकान बहुत ज्यादा हो। अगर आप किसी प्रोफेशनल जगह पर जा रहे हैं, तो या छुट्टी लेके घुमने जा रहे हैं, तो ऐसे तरीके हैं जिनसे आप गर्भावस्था के दौरान यात्रा करते समय स्वस्थ और सुरक्षित रह सकते हैं। तो, आइए जानते हैं इन्हीं के बारे में विस्तार से। पर उससे पहले जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान ट्रेवल करना कितना सुरक्षित है?
प्रेग्नेंसी के 8-9 महीनों में महिलाओं को कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। शिशु शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ पैदा हो, इसके लिए जरूरी है कि गर्भाशय पर किसी तरह का दबाव न आए। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान यात्रा करते वक्त, ध्यान रखें कि यात्रा के दौरान लगने वाले झटके, पेट पर दबाव या किसी दुर्घटना की स्थिति में शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। कई बार गर्भपात की भी स्थिति बन जाती है। अगर आप एक स्वस्थ प्रेग्नेंसी को जी रही हैं, तो आमतौर पर यात्रा करना सुरक्षित होता है। लेकिन किसी भी यात्रा की योजना बनाने से पहले अपने स्वास्थ्य डॉक्टर से बात जरूर करें। पर अगर आप हृदय रोग, गर्भावस्था की जटिलताएं हैं, जैसे कि गर्भावधि मधुमेह आदि से पीड़ित हैं, तो ये काम थोड़ा रिस्की हो सकता है। ज्यादातर मामलों में, गर्भवती महिलाएं अपनी डिलीवरी डेट के करीब आने तक सुरक्षित यात्रा कर सकती हैं। लेकिन गर्भावस्था की जटिलताओं वाले महिलाओं के लिए यात्रा की सिफारिश नहीं की जा सकती है।
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय दूसरी तिमाही (2rd trimester)के दौरान होता है, जब जटिलताओं का सबसे कम जोखिम होता है। कुछ महिलाएं मतली के कारण पहली तिमाही (1st trimester) में यात्रा नहीं करना पसंद करती हैं और इन शुरुआती चरणों के दौरान बहुत थकान महसूस करती हैं। चाहे आप यात्रा कर रहे हों या नहीं, गर्भपात का जोखिम पहले 3 महीनों में अधिक होता है इसलिए इस दौरान हर तरह से सतर्क रहें। तीसरी तिमाही (3rd trimester) के दौरान आप यात्रा करने में बहुत अधिक थका हुआ और असहज महसूस कर सकते हैं। यह 35 सप्ताह से अधिक की गर्भवती महिलाओं को 5 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने के लिए सेफ नहीं है। साथ ही बस, कार और ट्रेन में भी लंबी दूरी या विदेश यात्रा करने से बचें।
डॉक्टर प्रेगनेंट महिला को तकरीबन 28 हफ्तों के बाद ट्रेवल करने की अनुमति नहीं देते हैं, वैसे ट्रेवलिंग के लिए 14 से 18 हफ्तों के बीच का समय चुनें। क्योंकि उस समय ना तो गर्भपात की संभावना होती है और ना ही अन्य परेशानियां होती हैं। इन महीनों में मॉर्निंग सिकनेस, अधिक थकान, सुस्ती जैसी शिकायतें आमतौर पर कम होती हैं।
स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना करने वाली गर्भवती महिलाओं को यात्रा न करने की सलाह दी जाती है। जिनमें कुछ स्वास्थ्य स्थितियां शामिल हैं, जैसे कि
अगर आप 35 वर्ष या इससे अधिक आयु के हैं और पहली बार गर्भवती हैं, तो आपको यात्रा न करने की भी सलाह दी जाती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान हवाई यात्रा करने से पहले अपने डॉक्टर से गर्भावस्था के लिए विशेष रूप से किसी भी संभावित जोखिम पर चर्चा करें। उदाहरण के लिए, गर्भावधि मधुमेह या एकाधिक गर्भावस्था वाली महिला को आमतौर पर उड़ान नहीं भरने की सलाह दी जाती है। ज्ञात हो कि गर्भावस्था के अंतिम छह सप्ताह में हवाई यात्रा समय से पहले प्रसव पीड़ा को जन्म दे सकती है। इसके अलावा भी कुछ बातों का ध्यान रखें। जैसे कि
सामान्य गर्भावस्था की शिकायतों जैसे थ्रश, कब्ज और बवासीर के इलाज में मेडिकल किट आपकी तुरंत मदद कर सकता है। जैसे कि
साथ ही प्रेग्नेंसी में कुछ अन्य बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। जैसे कि भारी सामान लेकर यात्रा न करें। गर्भवती महिलाओं में सफर के दौरान जी मिचलाना और उल्टी आना आम शिकायत होती है। अगर आप एयर ट्रेवल कर रही हैं तो यात्रा के दौरान दिए जाने वाले ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर जरूर लें। साथ ही इस बात का जरूर ध्यान रखें कि कार हो, ट्रेन हो या हवाई जहाज, ऐसी सीट का चुनाव करें जो आराम दायक तो हो ही साथ ही लेग स्पेस भी काफी हो जिसमे आप आराम से खुलकर अपनी स्ट्रेचिंग कर सकें। इस तरह की अन्य बातों और प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सपर्ट टिप्स के लिए पढ़ते रहें हमारा ये पेज गर्भावस्था और यात्रा (PREGNANCY & TRAVEL IN HINDI)