पहले से कोरोना का टीका लगवाने से संक्रमण के बाद मौत में आई 60 फीसदी की कमी: ICMR

ICMR Report: कोरोना का टीका लगवाने से संक्रमित होने के बाद 60 फीसदी तक मौत में कमी देखने को मिली है। 

Anju Rawat
Written by: Anju RawatUpdated at: Aug 22, 2023 12:38 IST
पहले से कोरोना का टीका लगवाने से संक्रमण के बाद मौत में आई 60 फीसदी की कमी: ICMR

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Pre Covid Vaccination: कोरोना वायरस के दस्तक देने के बाद से दुनियाभर में वैक्सीन पर काम चलना शुरू हो गया था। भारत समेत कई देशों ने वैक्सीन बनाए और ये बेहद प्रभावी भी साबित हुए। जैसे ही देश में कोरोना की वैक्सीन आई, वैक्सीनेशन पर भी जोरों से काम चलने लगा। कोरोना वैक्सीनेशन का मकसद लोगों को कोविड की वजह से होने वाले नुकसान को कम करना था। सरकार और वैज्ञानिकों की यह कोशिश रंग भी लाई है। जी हां, ICMR की एक रिपोर्ट में पता चला है कि पहले से कोरोना वैक्सीन लगवाने की वजह से संक्रमण होने के बाद मौत में लगभग 60 फीसदी तक कमी आई है। यानी कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद से मृत्यु दर में कमी देखने को मिली है।

आसान भाषा में समझे तो, अगर आपने पहले से ही कोरोना की वैक्सीन लगा रखी है, इसके बाद आप संक्रमित हो जाते हैं, तो मृत्यु का जोखिम बेहद कम हो जाता है। ICMR की रिपोर्ट की मानें तो वैक्सीनेशन के बाद से देश में कोरोना की वजह से 60 प्रतिशत तक मौत के आंकड़ों में कमी आई है। हालांकि, कोरोना से ठीक होने वाले  कुछ लोगों में महीनों बाद भी कोविड 19 के लक्षण महसूस हुए। इसे लॉन्ग कोविड (Long Covid in Hindi) के रूप में जाना जाता है। 

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ICMR ने की स्टडी

आपको बता दें कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के नेतृत्व में एक अध्ययन किया गया था। इसमें नेशनल क्लिनिकल रजिस्ट्री फॉर कोविड की एक टीम ने 14,419 प्रतिभागियों पर रिसर्च की। इसमें टीम ने कोरोना के मरीजों के डिस्चार्ज होने के एक साल बाद कोविड 19 से हुई मौतों के डेटा को एनालाइज किया, इसी के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की। इस स्टडी को करने के लिए टीम कोरोना वायरस से ठीक होने वाले मरीजों के साथ लगभग एक साल तक संपर्क में रही। फिर टीम को फरवरी 2023 तक जो भी डेटा मिला, उसे एनालाइज करके रिपोर्ट बनाई गई। 

रिपोर्ट में पता चला कि 40 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में, खासकर जिन लोगों में कोरोना के गंभीर लक्षण थे, उनमें डिस्चार्ज के बाद एक वर्ष के भीतर मृत्यु का जोखिम अधिक था। इतना ही नहीं, 18-45 वर्ष के आयु वर्ग के कुछ लोगों में भी ऐसा ही देखने को मिला। इस रिपोर्ट में कहा गया कि 14,419 प्रतिभागियों में से 942 लोगों में मृत्यु का जोखिम अधिक था। वहीं, जिन लोगों ने कोरोना की वैक्सीन लगा रखी थी, उनमें कोरोना संक्रमण के बाद मौत का जोखिम कम हो गया था।

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लॉन्ग कोविड के लक्षण- Long Covid Symptoms in Hindi

कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद जब व्यक्ति में एक महीने तक लक्षण महसूस होते हैं, तो इसे लॉन्ग कोविड के रूप में जाना जाता है। लॉन्ग कोविड की वजह से आंतों और किडनी को भी नुकसान पहुंच सकता है। लॉन्ग कोविड के लक्षण इस प्रकार हैं-

कोरोना वायरस से बचाव के लिए और मौत के जोखिम के कम करने के लिए वैक्सीन लगवाना बहुत जरूरी होता है। अगर पहले से ही कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवा ली जाए, तो संक्रमण होने के बाद भी जान बचाई जा सकती है। 

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