चेयर कपोतासन एक योगासन है, जिसे अंग्रेजी में चेयर पिजन पोज कहा जाता है। इस योगासन आपकी मुद्रा कबूतर की तरह नजर आती है। यह योगासन हिप्स के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है, लेकिन इसके अन्य कई स्वास्थ्य फायदे हैं। चेयर की मदद से कपोतासन करना काफी सरल है। योग टीचर स्मृति ने चेयर कपोतासन करने का आसान तरीका और इसके कुछ फायदे अपने शेयर किए हैं।
कुर्सी के सहारे कपोतासन करने का तरीका - How to Do Kapotasana With Chair Support in Hindi
- स्टेप 1- अपने सामने एक लकड़ी की कुर्सी रखें और यह सुनिश्चित करें कि एक्सरसाइज के दौरान वो हिले न।
- स्टेप 2- अब कुर्सी की ओर अपना चेहरा करके खड़े हो जाएं और एक्सरसाइज करना शुरु करें।
- स्टेप 3- अपने दाहिने पैर (Right Leg) को उठाएं और अपने दाहिने टखने को कुर्सी की सीट के ऊपर रखें।
- स्टेप 4- आपकी दाहिनी पिंडली और जांघ के बीच का कोण 90 डिग्री की पोजीशन में होना चाहिए।
- स्टेप 5- अब अपने बाएं पैर (Left Leg) को पीछे की ओर फैलाकर रखें। इस दौरान पैर की उंगलियां पीछे की ओर हों और कूल्हे सीधे हों।
- स्टेप 6- अब इस पॉश्चर में रहकर गहरी सांस लें और रीढ़ को सीधा रखें।
- स्टेप 7- सांस छोड़ें और धीरे-धीरे अपने दाहिने पैर को आगे की ओर मोड़ते हुए पीठ को कुर्सी की ओर ले जाएं।
- स्टेप 8- कुर्सी से दूर जाते समय आप सांस लें और कुर्सी की ओर जाते समय सांस छोड़े।
- स्टेप 9- पहली वाली पोजीशन में आने के लिए धीरे-धीरे अपने धड़ को उठाएं, अपने दाहिने पैर को नीचे रखें और खड़े होने की स्थिति में लौट आएं।
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कुर्सी के सहारे कपोतासन के फायदे - Benefits of Kapotasana With Chair in Hindi
- साइटिका का दर्द- यह पिरिफोर्मिस मांसपेशी को खींचकर साइटिका से जुड़ी असुविधा को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे साइटिका के दर्द से राहत मिल सकती है।
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत - कुर्सी की मदद से पिजन आसन करने से कूल्हों और ग्लूट्स को धीरे-धीरे खींचकर और तनाव मुक्त करके पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है।
- हिप्स का बढ़ाए लचीलापन- यह आसान कूल्हे के लचीलेपन और गतिशीलता को बेहतर बनाने में मदद करता है। इस आसान का नियमित अभ्यास कूल्हों और पीठ के निचले हिस्से में असंतुलन को दूर करके बेहतर मुद्रा बनाए रखने में योगदान कर सकता है।
- मन को शांत कर तनाव कम करें - इस आसान को करने से मान शांत होता है और तनाव में कमी आती है।
- अनियमित माहवारी - इस आसन को करने से हार्मोन्स संतुलित होता है, स्ट्रेस कम होता है, जिस कारण अनियमित पीरियड्स की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
अगर आप भी हिप्स को मजबूत करना चाहते हैं तो अपने एक्सरसाइज रूटीन में इस आसन को शामिल कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहें किसी भी नए आसन को करते समय किसी योद प्रशिक्षक की देखरेख में ही करें, ताकि किसी भी तरह की चोट से आप बच सकें।
Image Credit : Freepik