नसें पूरे शरीर में होती हैं। नसें इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स भेजती हैं, जिससे आपको शरीर में सेंसेशन महसूस होती है और मांसपेशियों को चलाने में मदद मिलती है। नसें भोजन को पचाने और हृदय गति को बनाए रखने जैसे शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करने का काम करती हैं। आपको बता दें कि नसें, नर्वस सिस्टम के अहम भागों में से एक हैं। ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए नसों का सही तरीके से काम करना बहुत जरूरी होता है। लेकिन कई बार नसों में ब्लॉकेज आ जाती है, जिसकी वजह से कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। नसों में ब्लॉकेज के कारण व्यक्ति का संपूर्ण जीवन प्रभावित हो सकता है। इससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा भी कम होने लगती है। लेकिन नसों में ब्लॉकेज क्यों आ जाती है, फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर रमन कुमार से जानते हैं इसके बारे में-
नसों में ब्लॉकेज के लक्षण- Nerve Blockage Symptoms in Hindi
- सिर में दर्द होना
- धुंधला दिखाई देना
- बातचीत करने में परेशानी
- बातों को दूसरों तक पहुंचाने में परेशानी होना
- एकाग्रता में कमी
- शरीर का सुन्न पड़ना
- बेहोशी या चक्कर आना
- स्ट्रोक या याद्दाश्त से जुड़ी समस्या होना
- झटके या दौरे पड़ना
नसें ब्लॉक होने के कारण - Nerve Blockage Causes in Hindi
नसों में ब्लॉकेज की समस्या को मेडिकल टर्म में "सेरेब्रल वेन्स थ्रांबोसिस" कहा जाता है। यह स्थिति तक पैदा होती है, जब किसी व्यक्ति के दिमाग की नसों में रक्त का थक्का बन जाता है। रक्त का थक्का, नसों को ब्लॉक कर देता है। इससे नसों में दबाव बढ़ता है और नसें डैमेज होने लगती हैं। इसकी वजह से सूजन की समस्या हो सकती है और व्यक्ति को सुन्नपन का अहसास हो सकता है। कुछ मामलों में ब्लीडिंग तक हो सकती है। नसों में ब्लॉकेज की वजह से स्ट्रोक और हार्ट फेलियर का जोखिम भी बढ़ता है। नसों में ब्लॉकेज के कारणों में शामिल हैं-
- नसों में कोलेस्ट्रॉल का अधिक स्तर होना
- हाई ब्लड प्रेशर
- पूरी नींद न लेना
- डायबिटीज की बीमारी
- बहुत अधिक वजन और मोटापा
- इंसुलिन रेजिस्टेंस
- ऑटोइम्यून बीमारियां
नसें ब्लॉक होने से बचाने के उपाय- Nerve Blockage Prevention Tips in Hindi
- नसों में ब्लॉकेज से बचने के लिए आपको अपनी डाइट का पूरा ख्याल रखना चाहिए।
- इसके लिए आपको स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेनी चाहिए।
- एक्सरसाइज और योग की मदद से भी नसों में ब्लॉकेज होने से बचा जा सकता है।
- कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेसर और शुगर लेवल को कंट्रोल रखने की कोशिश करें।
- समय-समय पर अपने हेल्थ की जांच कराते रहें।