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वायु प्रदूषण से जुड़े ये 5 म‍िथ सेहत को कर सकते हैं खराब, जानें सच्चाई

दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्‍तर बढ़ रहा है। ऐसे में अच्‍छी सेहत को बरकरार रखने के ल‍िए वायु प्रदूषण से जुड़े 5 म‍िथक जरूर जान लें। 

Yashaswi Mathur
Written by: Yashaswi MathurUpdated at: Nov 10, 2022 13:43 IST
वायु प्रदूषण से जुड़े ये 5 म‍िथ सेहत को कर सकते हैं खराब, जानें सच्चाई

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द‍िल्‍ली-एनसीआर में हवा की खराब होती गुणवत्ता च‍िंता का व‍िषय बनी हुई है। नोएडा की स्‍थ‍ित‍ि भी ठीक नहीं है। नोएडा के इलाके में AQI 309 दर्ज हुआ है। प्रदूषण में सांस लेने से श्वसन संक्रमण, हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। लोगों के मन में वायु प्रदूषण को लेकर ढेर सारे म‍िथक हैं। इनके चलते लोग भ्रम में रहते हैं और सेहत ब‍िगड़ जाती है। इनसे जुड़ी सच्‍चाई हम आपको बताएंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

health and air pollution

1. म‍िथक: सर्ज‍िकल मास्‍क वायु प्रदूषण से बचाता है

सच्‍चाई: आजकल द‍िल्‍ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के चलते आपने लोगों को मास्‍क पहने देखा होगा। लोगों को लगता है सर्ज‍िकल मास्‍क लगा रहने से वे वायु प्रदूषण से बच सकते हैं। लेक‍िन ये केवल एक म‍िथक है। सर्जि‍कल मास्‍क नाक और मुंह को पूरी तरह से नहीं ढक पाता। इसकी पतली लेयर, प्रदूषण के कणों से आपकी सुरक्षा नहीं कर पाएगी। हालांक‍ि इस म‍िथक की सच्‍चाई बताने का मकसद ये नहीं है क‍ि आप मास्‍क न लगाएं। ज‍िस भी मुमक‍िन चीज जैसे सर्जि‍कल मास्‍क, स्‍कार्फ या दुपट्टे से नाक और मुंह को ढक सकते हैं, तो जरूरी ऐसा करना चाह‍िए। वैसे देखा जाए, तो क‍िसी भी मास्‍क के जर‍िए वायु प्रदूषण से पूरी तरह बचा नहीं जा सकता लेक‍िन आप सुरक्षा के ल‍िए एन99 मास्‍क लगा सकते हैं।

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2. म‍िथक: सुबह के वक्‍त वायु प्रदूषण नहीं होता 

सच्‍चाई: कई लोग सुबह टहलने के ल‍िए बाहर न‍िकलते हैं। उन्‍हें लगता है सुबह के वक्‍त ताजी हवा में सांस लेना चाह‍िए। लेक‍िन आपको बता दें क‍ि सुबह के समय भी वायु प्रदूषण रहता है। मेट्रो सीटी की बात करें, तो इन जगहों पर सुबह के समय भी वायु प्रदूषण रहता है। वॉक के ल‍िए न‍िकल रहे हैं, तो ऐसी जगह न जाएं, जहां ज्‍यादा शोर या प्रदूषण है।  

3. म‍िथक: वायु प्रदूषण केवल फेफड़ों को प्रभाव‍ित करता है 

सच्‍चाई: वायु प्रदूषण और सेहत से जुड़ा सबसे बड़ा म‍िथक है, क‍ि वायु प्रदूषण केवल फेफड़ों को प्रभाव‍ित करता है। अगर आपको इसकी जानकारी नहीं है, तो बता दें क‍ि वायु प्रदूषण का बुरा असर खून तक भी पहुंच सकता है। इसके साथ ही वायु प्रदूषण का असर हार्ट को भी प्रभाव‍ित कर सकता है। अस्‍थमा, बीपी, डायब‍िटीज, हार्ट आद‍ि के मरीजों को व‍िशेष सावधानी बरतनी चाह‍िए।  

4. म‍िथक: वायु प्रदूषण तत्‍वों से थोड़ा या कम संपर्क हान‍िकारक नहीं है

सच्‍चाई: अगर आप कम समय के ल‍िए भी वायु प्रदूषण तत्‍वों के संपर्क में आते हैं, तो भी इसका बुरा असर आपकी सेहत पर पड़ सकता है। ये ठीक न्‍यूक्‍ल‍ियर रेड‍िएशन की तरह है ज‍िसका थोड़ा प्रभाव भी सेहत को बड़ा नुकसान दे सकता है। गर्भवती मह‍िलाएं, बच्‍चे, बुजुर्गों के ल‍िए वायु प्रदूषण का थोड़ा संपर्क भी हार्ट से जुड़ी बीमारी, रेस्‍प‍िरेटरी इंफेक्‍शन, स्‍ट्रोक आद‍ि का कारण बन सकता है। वायु प्रदूषण के कारण गले में संक्रमण, स‍िर दर्द, नाक और त्‍वचा में संक्रमण हो सकता है।   

5. म‍िथक: घर में रहकर वायु प्रदूषण से बचाव होता है 

सच्‍चाई: ये सच नहीं है। घर पर रहने वाले लोगों को भी वायु प्रदूषण से उतना ही खतरा रहता है ज‍ितना बाहर रहने वालों को होता है। घर पर ड‍ियो, फर्नीचर, कुक‍िंग एप्‍लाइंस, ब‍िल्‍ड‍िंग के मटेर‍ियल आद‍ि को प्रदूषण फैलाने वाले तत्‍वों में ग‍िना जाता है। घर में सही वेंट‍िलेशन न होने के कारण ताजी हवा घर के अंदर नहीं आ पाएगी और आप वायु प्रदूषण की चपेट में आ सकते हैं। घर पर प्रदूषण से बचने के ल‍िए घर पर धूम्रपान के सेवन से बचें खासकर आपके घर में बच्‍चे या बूढ़े लोग हैं, तो सावधानी बरतें। घर की साफ-सफाई पर गौर करें। धूल के कणों से फंगल इंफेक्‍शन, खांसी, रेस्‍प‍िरेटरी ट्रैक्‍ट में इंफेक्‍शन आद‍ि समस्‍याएं हो सकती हैं। 

वायु प्रदूषण से बचने के ल‍िए आसपास सफाई रखें। ताजी हवा में टहलें ताक‍ि फेफड़े मजबूत बन सके। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।    

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