अगर आप भी अपने शिशु की आंखों को बड़ा करने के लिए काजल लगाती हैं, तो इससे जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में जरूर जान लें।
दादी-नानी के जमाने से शिशुओं को बुरी नजर से बचाने, या उनकी आंखों को बड़ा करने के लिए काजल का इस्तेमाल किया जाता रहा है। शिशु की आंखों में काजल लगाने का चलन प्राचीन समय से भारतीय संस्कृति में चलता आ रहा है और लोग अक्सर इससे होने वाले फायदों के बारे में बात करते हैं। लेकिन शिशुओं को काजल लगाने को लेकर डॉक्टर्स की अलग राय है। डॉक्टर्स के अनुसार शिशुओं के आंखों में काजल लगाने से उनको समस्या हो सकती है, और आंखें लंबी होंगी, साफ होंगी ये सभी बस एक मिथक हैं। पीडियाट्रिशन डॉ माधवी भारद्वाज की भी यही राय है कि बच्चों के आंखों में काजल लगाने से उन्हें कोई खास फायदे नहीं मिलते, सिवाए एक फायदे के कि वो खूबसूरत दिख सकती हैं। पीडियाट्रिशन ने आंखों में काजल लगाने को लेकर ऐसे ही कुछ मिथकों और उनसे जुड़ी सच्चाई के बारे में बताया है।
तथ्य: कई लोगों का मानना है कि बच्चों को काजल लगाने से उनकी आंखें बड़ी होती हैं। लेकिन ये सच नहीं है, आंखों का साइज आनुवंशिक रूप से निर्धारित होता है। आंखों के अंदर सॉफ्ट और नर्वस टिशू आंखों के साइज तय करता है।
तथ्य: इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि काजल बच्चों को बुरी नजर से बचाने में मदद करता है। यह एक धार्मिक मान्यता है, जिसका कोई तथ्य नहीं है।
तथ्य: कुछ पारंपरिक मान्यताएं काजल में औषधीय गुण होने का दावा करती हैं, लेकिन आधुनिक चिकित्सा इस बात का समर्थन नहीं करता है कि काजल लगाने से बच्चों की आंखों को कुछ खास लाभ मिल सकते हैं।
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तथ्य: शिशुओं की आंखे काफी सेंसिटिव होती हैं और कुछ काजलों में ऐसे तत्व हो सकते हैं जो उनकी आंखों में जलन और एलर्जी का कारण बन सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर ही शिशु के लिए किसी भी तरह के उत्पादों का प्रयोग करना चाहिए।
तथ्य: इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि काजल शिशुओं के आंखों की रोशनी को बढ़ा सकता है। शिशु में आंखों की रोशनी तेज या कम होना आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों पर निर्भर करता है।
अगर आप भी अपने शिशु की आंखों को बड़ा करने, रोशनी तेज करने जैसे कारणों से काजल लगाते हैं, तो एक बार अपने शिशु के डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। बिना डॉक्टर के सलाह के अपने शिशु के ऊपर कोई भी नई सामग्री का इस्तेमाल न करें। इससे शिशु को स्किन इंफेक्शन, एलर्जी जैसी समस्या हो सकती हैं।
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