टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) एक संक्रामक बीमारी है जिसके बैक्टीरिया हवा के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति में पहुंचते हैं। इसे अगर प्रारंभिक अवस्था में ही न रोका गया तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। टीबी रोग बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होने के कारण इसे फेफड़ों का रोग माना जाता है, लेकिन टीबी सिर्फ फेफड़ों से जुड़ी समस्या नहीं होती बल्कि शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है जैसे हडि्डयां, जोड़, पेट, आंत, दिमाग, किडनी, जननांग व मुंह-नाक आदि। रोग से प्रभावित अंगों में छोटी-छोटी गांठ अर्थात् ट्यूबरकल्स बन जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह संक्रामक रोग हमारी रोजमर्रा की छोटी-छोटी गलतियां के कारण भी हो सकता है।
टीबी को आनुवांशिक रोग माना जाता है लेकिन यह एक मिथ है। ये कभी भी किसी को भी हो सकता है। ये एक संक्रामक रोग है और इसका पूरा इलाज इससे छुटकारा पाने का सही तरीका है। अगर इसका पूरा इलाज न किया जाए तो इस रोग को कभी खत्म नहीं किया जा सकता है और व्यक्ति की मौत हो सकती है। आइए जानें हमारी कौन सी गलतियां इस जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकती है। टीबी का उपचार न होने पर धीरे-धीरे प्रभावित अंग अपना कार्य करना बंद कर देते हैं क्योंकि टीबी का बैक्टीरिया शरीर के जिस भी हिस्से में होता है, उसके टिश्यू पूरी तरह नष्ट कर देता है और इससे उस अंग का काम प्रभावित होता है।
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संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण आपको टीबी हो सकता है। जी हां टीबी के बैक्टीरिया सांस द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं। संक्रमित व्यक्ति के खांसने, बात करने, छींकने या थूकने के समय बलगम व थूक की बहुत ही छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जिनमें उपस्थित बैक्टीरिया कई घंटों तक हवा में रह सकते हैं और स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में सांस लेते समय प्रवेश करके बीमारी पैदा करते हैं।
कमजोर इम्यूनिटी
कमजोर इम्यूनिटी वाला व्यक्ति किसी भी बीमारी का बहुत जल्दी शिकार हो जाता है खासकर टीबी का। अच्छा खान-पान न लेने वाले लोगों को टीबी ज्यादा होती है। कमजोर इम्यूनिटी से उनका शरीर बैक्टीरिया का वार नहीं झेल पाता और बहुत ही जल्दी इसका शिकार हो जाता है।
बिना उबाले दूध का सेवन
ज्यादातर लोगों को बिना उबाले दूध का सेवन करने की आदत होती है। इससे भी आप टीबी को बुलावा देते हैं। जी हां टीबी का रोग गाय में भी पाया जाता है। दूध में इसके जीवाणु निकलते हैं और बिना उबाले दूध को पीने वाले व्यक्ति रोगग्रस्त हो सकते हैं। इसलिए बीमारियों से बचने के लिए अगली बार दूध को उबालकर ही इस्तेमाल करें।
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अन्य कारण
- जब कम जगह में ज्यादा लोग रहते हैं तब इंफेक्शन तेजी से फैलता है।
- अगर टीबी मरीज के बहुत पास बैठकर बात की जाए चाहे वह खांस भी नहीं रहा हो तब भी इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है।
- अधिक गीले स्थान पर रहने तथा धूल भरे वातावरण में रहने के कारण भी टीबी रोग हो जाता है। क्योंकि टीबी का बैक्टीरिया अंधेरे में पनपता है।
- स्मोकिंग करने वाले को टीबी का खतरा ज्यादा होता है।
लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, आज टीबी का पूरी तरह इलाज संभव है। भारत सरकार के डॉट्स केन्द्र देश भर में उपलब्ध हैं, जहां टीबी के इलाज की नि:शुल्क व्यवस्था है। इसके अलावा कुछ सावधानियां अपनाकर आप टीबी संक्रमण से बच सकते हैं। कमजोर इम्यूनिटी से टीबी के बैक्टीरिया के एक्टिव होने का खतरा बढ़ जाता हैं इसलिए अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने की कोशिश करें। इसके लिए पोषक तत्वों से भरपूर खासकर प्रोटीन डाइट (सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर आदि) लेनी चाहिए। ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। कम रोशनी वाली और गंदी जगहों पर न रहें और टीबी के मरीज से थोड़ा दूर रहें।
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