बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए पहली जरूरी शर्त है पति-पत्नी का आपस में प्यार: पैरेंटिंग एक्सपर्ट

बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए सबसे जरूरी चीज है कि पति-पत्नी तमाम मतभेदों के बावजूद कम से कम बच्चों के सामने आपस में अच्छा व्यवहार रखें।

ज्‍योतिका मेहता बेदी
Written by: ज्‍योतिका मेहता बेदीUpdated at: Feb 17, 2020 13:14 IST
बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए पहली जरूरी शर्त है पति-पत्नी का आपस में प्यार: पैरेंटिंग एक्सपर्ट

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शादी अपने आप को नए सिरे से खोजने जैसा है। शादी के बाद हर पति-पत्नी के लिए जरूरी है वो आपस में कम से कम तब सौहार्दपूर्ण संबंध रखें जब बच्चे आसपास हों। आपके रिश्तों की खिट-पिट आपके बच्चे के विकास को बहुत हद तक प्रभावित कर सकती है। यदि आप अपने जीवनसाथी के साथ किसी बात पर मतभेद हो जाए, तो कभी भी अपने बच्चों के सामने लड़ाई न करें, और कोशिश करें कि अपने आपसी मतभेदों का निवारण एक ईकाई के रूप में करें, न कि अलग-अलग। अगर बच्चे आपको झगड़ता देखते हैं, तो भविष्य में उनके अपने रिलेशनशिप में भी ऐसा करने के चांसेज बहुत ज्यादा होते हैं। यदि आपके बच्चे आपके बीच झगड़े, अनादर और शारीरिक शोषण के गवाह बनते हैं, तो यह संभव है कि बच्चे के अवचेतन में ये बातें उसके लिए डरावनी यादों की तरह बैठ जाएं, यहां तक कि बड़े होने पर आपकी जगह जब वो पहुंचें, तो अपने पार्टनर के साथ ऐसा ही व्यवहार करें। इसके अलावा, ये बातें बच्चों में तनाव, पढ़ाई में मन न लगने, स्कूल में चिड़चिड़े व्यवहार, यहां तक कि डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं।

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पेनसिल्वेनिया के वेक्सफोर्ड की पीएचडी स्कॉलर और साइकोलॉजिस्ट Elizabeth R. Lombardo  के अनुसार, "हम अपने बच्चों को हमेशा स्कूली शिक्षा देने पर जोर देते हैं। मगर यह भूल जाते हैं कि हमें उनके सामने अपना व्यवहार कैसे रखना चाहिए। बच्चों के सामने मम्मी-पापा के बीच जो कुछ घटित होता है, उससे पवारफुल स्मृति बच्चे के लिए कुछ नहीं हो सकती है।" एलिजाबेथ A Happy You नामक किताब की लेखिका भी हैं।

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पार्टनर के साथ प्यार का रिश्ता

बाल्टिमोर साइकोथेरेपी इंस्टीट्यूट के को-फाउंडर और क्लीनिकल सोशल वर्कर Daniel L. Buccino कहते हैं कि मां-बाप अपने बच्चों को जो सबसे प्यारा गिफ्ट दे सकते हैं वो है आपसी प्यार की सुखद स्मृतियां। एक बच्चा भविष्य में तभी बेहतर इंसान बन सकता है जब वो अपने मां-बाप के आपस में प्यार के बंधन को महसूस कर पाए। इसका मतलब यह है कि उन्हें अपने बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि जिस तरह वे आपस में प्यार करते हैं, उसी तरह बच्चे को दूसरों से प्यार करना चाहिए और वैसा ही व्यवहार करना चाहिए।

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अगर आप मेरी बात करें, तो मैं और मेरे पति हमेशा इस बात को लेकर उत्साहित रहते हैं कि बच्चों के सामने हमें आपस का प्रेम दिखाना चाहिए। मुझे लगता है कि पेरेंट्स को कभी-कभार अपने बच्चों के साथ बाहर जाना चाहिए, एक दूसरे को हग करना चाहिए और किस करना चाहिए, ताकि बच्चों को महसूस हो कि पति-पत्नी के लिए आपस में समय बिताना कितना जरूरी है और उनका विश्वास प्यार में बढ़े। इससे बच्चों को इस बात का एहसास होता है कि पति होना सिर्फ किसी महिला का पार्टनर होना नहीं है, बल्कि एक दोस्त और एक प्रेमी होना है। Buccino के अनुसार, "आपके रिश्ता ही आपके परिवार की वास्तविक नींव है।"

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बराबरी का होना चाहिए रिश्ता

मैं अपने जीवनसाथी के साथ अपनी जिम्मेदारियों को साझा करती हूं, और ऐसा ही हमारे बच्चों को सिखाती हूं। डॉ. लिबरमैन बताते हैं कि कैसे उन्होंने झगड़ालू घरों से आने वाले कई बच्चों के साथ काम किया। बहुत सारे मां-बाप, जो अपने साथी की इमोशनल जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ होते हैं, वो अपने बच्चों का सहारा लेते हैं। इससे बच्चों पर दबाव बढ़ता है, जिसका पता आमतौर पर सामने से नहीं चलता है। अगर मां-बाप खुश हैं, तो बच्चे भी खुश रहते हैं क्योंकि वो समझते हैं कि परिवार में स्थिरता बनी हुई है।

मेरी शादी को 2 दशक से ज्यादा हो चुके हैं और इतने दिनों में मैंने यही सीखा है कि अपनी अलग-अलग पहचान के बावजूद आप अपने पार्टनर के साथ अपना प्यार बरकरार रख सकते हैं, अपनी भावनाएं शेयर कर सकते हैं और एक दूसरे को आजादी दे सकते हैं, ताकि आप भी खुशहाल रहें और बच्चों के लिए रोल मॉडल बन सकें।

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