स्लीप एंग्जायटी एक तरह की मानसिक समस्या है। आगे जानते हैं इससे बचाव के उपाय
आज के दौर में काम की टेंशन और बढ़ते कंप्टीशन की वजह से लोगों को दिन रात काम करना पड़ता है। ऐसे में लंबे समय के बाद लोगों को तनाव, चिंता और एंग्जायटी होने लगती है। इस समस्या का सीधा प्रभाव आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। स्लीप एंग्जायटी होने पर व्यक्ति बिस्तर पर लेटते ही तरह-तरह के विचार आने लगते हैं। कई बार व्यक्ति को डरावने सपने आने लगते हैं, वह घंटों बिस्तर पर जागते हुए सोचता रहता है। ऐसे में व्यक्ति को नींद में कमी हो सकती है। साथ ही, कई बार लोगों को स्लीप एंग्जायटी होने का पता नहीं चल पाता है। आगे अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेस के अनुसार जानते हैं स्लीप एंग्जायटी के कुछ लक्षण और इससे बचाव के उपाय।
नींद न आना स्लीप एंग्जायटी का एक मुख्य लक्षण है। इसमें व्यक्ति को बेड पर लेटने के बाद भी काफी समय तक नींद नहीं आती है। नींद पूरी न होने से ऐसे में व्यक्ति को आगे चलकर मानसिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
स्लीप एंग्जायटी से ग्रसित व्यक्ति रात के समय बिस्तर पर जाने के बाद भी कुछ चीजों को पर विचार करते रहते हैं। किसी विषय के बारे में बार-बार सोचने के कारण उनको नींद नहीं आती है। ऐसे में उनकी स्लीप क्वालिटी खराब हो जाती है। जिससे दिमाग को आराम नहीं मिल पाता है और वह थोड़े से काम के बाद ही थकान महसूस करने लगता है।
स्लीप एंग्जायटी में व्यक्ति को रात में सोते समय अधिक पसीना आने लगता है। कई बार व्यक्ति को सोते समय डरावने सपने आते हैं, जिसके कारण उन्हें रात में नींद नहीं आ पाती है। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर धीरे-धीरे बुरा असर पड़ने लगता है।
स्लीप एंग्जायटी होने पर व्यक्ति को नींद न आने के कारण सिरदर्द की समस्या हो सकती है। इस दौरान कुछ लोगों को सोते समय हार्ट बीट तेज होने जैसे कुछ लक्षण भी दिखाई देते हैं। इसके अलावा, व्यक्ति को मांसपेशियों में दर्द, हाथ पैरो में कंपकंपी आदि लक्षण भी महसूस हो सकते हैं।
योग और मेडिटेशन से आप दिमाग की नसों को आराम पहुंचा सकते हैं। इससे नर्वस सिस्टम को आराम मिलता है और आपका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। स्लीप एंग्जायटी से बचने के लिए आप लाइफस्टाइल में योग को शामिल कर सकते हैं।
स्लीप एंग्जायटी से बचने का उपाय है एक रूटीन मेंटेन करना। व्यक्ति काम के चलते कई बार स्लीप रुटीन को मेंटेन नहीं कर पाता है। ऐसे में उसको स्लीप एंग्जायटी होने की संभावना बढ़ जाती है।
कुछ मामलों में देखा जाता है कि व्यक्ति के द्वारा रात के समय में कैफीन लेने से उनको नींद नहीं आती है। ऐसे में उनको स्लीप एंग्जायटी की समस्या होने लगती है। यदि, आपको चाय या कॉफी आदि के कारण नींद नहीं आ रही है तो ऐसे में इनका सेवन कम कर दें।
स्लीप एंग्जायटी में व्यक्ति किसी चीज को लेकर टेंशन करने लगता है। जिसकी वजह से उसको रात में नींद नहीं आती है। इस समस्या से बचने के लिए आप रात के समय हल्का संगीत या जो आपको पसंद हो वह संगीत सुन सकते हैं। साथ ही, सोने से पहले बेडरूम को साफ करें। इससे भी आपको सोने में आसानी होती है।
रात के समय ऐसी डाइट न लें जो आपके पाचन को प्रभावित करें। हैवी डाइट लेने से पाचन क्रिया पर दबाव पड़ता है, जिससे व्यक्ति को गैस और पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। इससे भी आपकी नींद प्रभावित हो सकती है। साथ ही, रात में ज्यादा शराब का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
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स्लीप एंग्जायटी को लाइफस्टाइल में बदलाव कर खुद ही मैनेज कर सकते हैं। यदि, आपको पूरी रात नींद नहीं आती है तो ऐसे में आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। लेकिन, इसके हल्के प्रभावों को आप घर पर ही दूर कर सकते हैं।
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