Jatamansi Herb Benefits For Kidneys: आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल करने से साइड इफेक्ट्स का खतरा कम रहता है और बीमारियों को जड़ से खत्म करने में भी मदद मिलती है। जटामांसी भी एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका इस्तेमाल शरीर की कई गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है। जटामांसी का सेवन करने से सूजन कम करने, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और ब्लड प्रेशर ठीक रखने समेत शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद मिलती है। जटामांसी की जड़ों का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। कई जगहों पर जटामांसी को बालछड़ के नाम से भी जाना जाता है। किडनी की समस्याओं में जटामांसी का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं किडनी से जुड़ी बीमारियों में जटामांसी के फायदे और इस्तेमाल का तरीका।
किडनी की समस्याओं में जटामांसी के फायदे- Jatamansi Benefits in Kidney Disease in Hindi
जटामांसी औषधीय रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला पौधा है। यह ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में बर्फ वाली जगहों पर पाया जाता है। आयुर्वेद में जटामांसी की जड़ों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसकी जड़ों की गंध इतनी तेज होती है, कि परफ्यूम बनाने में भी इसके रस का इस्तेमाल किया जाता है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के आयुर्वेदिक डॉ एसके पांडेय कहते हैं कि, "जटामांसी का सेवन किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों में बहुत फायदेमंद होता है। जटामांसी में एंटीस्पेज्मोडिक गुण पाए जाते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने मं मदद करते हैं।" इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के आधार पर करने से किडनी डैमेज से बचने में भी मदद मिलती है।
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किडनी के लिए जटामांसी के फायदे इस तरह से हैं-
- किडनी स्टोन की समस्या में सूजन और दर्द कम करने के लिए जटामांसी चूर्ण का सेवन फायदेमंद होता है।
- किडनी में सूजन बढ़ने पर जटामांसी का सेवन करने से सूजन कम करने में मदद मिलती है।
- किडनी फंक्शन को बेहतर बनाने के लिए जटामांसी के चूर्ण का सेवन करना फायदेमंद होता है।
- किडनी इन्फेक्शन की समस्या में भी जटामांसी का सेवन करने से फायदा मिलता है।
कैसे करें जटामांसी का सेवन?
आज के समय में तो मार्केट में भी जटामांसी का चूर्ण आसानी से मिल जाता है। जटामांसी के चूर्ण का नियमित रूप से सेवन करने से किडनी से जुड़ी परेशानियों में फायदा मिलता है। आप रोजाना जटामांसी के चूर्ण का काढ़ा भी पी सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे, किसी भी बीमारी या समस्या में बिना डॉक्टर की सलाह के जटामांसी का सेवन करने से बचाना चाहिए। इसका बहुत ज्यादा सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक होता है।
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