बदलती लाइफस्टाइल में लोगों की शारीरिक गतिविधियों में कमी आई है। इसकी वजह से लोगों को हाई बीपी और डायबिटीज की समस्या होना एक आम बात है। शहरी माहौल में डायबिटीज की समस्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन, इसका जोखिम सेहत के अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है। डॉक्टरों के अनुसार डायबिटीज की वजह से कुछ लोगों को दिखाई देने में समस्या का सामना करना पड़ता है। जबकि, कुछ लोगों को मोतियाबिंद की समस्या हो सकती है। लेकिन, डायबिटीज में कुछ लोगों के मन में सवाल रहता है कि क्या इस दौरान मोतियाबिंद की सर्जरी करना सुरक्षित होता है। ऐसे में आगे हैदराबाद के कामिनेनी अस्पताल की सीनियर डायबेटोलॉजिस्ट डॉक्टर भवानी से जानते हैं कि क्या डायबिटीज में मोतियाबिंद की सर्जरी करने से कोई जोखिम हो सकता है। साथ ही, सर्जरी से पहले क्या करनी चाहिए।
डायबिटीज में मोतियाबिंद की सर्जरी के जोखिम को समझें?
डायबिटीज शरीर की रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है, जो आंखों सहित विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है। डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों में कम उम्र में मोतियाबिंद विकसित होने का खतरा अधिक होता है, और जब मोतियाबिंद सर्जरी आवश्यक हो जाती है, तो अतिरिक्त सावधानी बरतनी आवश्यक होती है। शरीर में हाई ब्लड शुगर के स्तर से घाव भरने में देरी हो सकती है, संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है और दृष्टि में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिससे मधुमेह रोगियों के लिए सर्जरी से पहले अपनी स्थिति को प्रभावी ढंग से मैनेज करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
डायबिटीज में मोतियाबिंद की सर्जरी से पहले क्या तैयारी करें?
ब्लड शुगर को करें नियंत्रित
मोतियाबिंद सर्जरी का समय निर्धारित करने से पहले, डायबिटीज के रोगियों को अपनी मौजूदा स्थिति के बारे में बताना चाहिए। साथ ही, ब्लड शुगर को कंट्रोल करने पर काम करना चाहिए। ब्लड शुगर को नियंत्रित न किया जाए तो इससे सर्जरी में जोखिम बढ़ सकता है।
नियमित नेत्र जांच कराना
सर्जरी से पहले, आंखों के समग्र स्वास्थ्य की जांच करनी चाहिए। डॉक्टर के अनुसार किसी अन्य संभावित समस्या की पहचान करने के लिए आंखों की संपूर्ण जांच आवश्यक है। यह जांच सर्जन को रोगी के अनुसार सर्जरी की रणनीति को तैयार करने में मददगार हो सकती है। अगर, इस पर ध्यान न दिया जाए तो सर्जरी में जोखिम हो सकता है।
आई ड्राप का इस्तेमाल करें
डायबिटीज में मोतियाबिंद की सर्जरी से पहले रोगी को आई ड्रॉप का इस्तेमाल करना चाहिए। इस दौरान डॉक्टर मरीज को सर्जरी के करीब दस दिनों पहले से आई ड्रॉप दे सकते हैं।
डाइट में बदलाव
डायबिटीज के मरीजों को सर्जरी से पहले खाली पेट रहने की सलाह दी जाती है। इसलिए डॉक्टर दिन के शुरूआती समय में ही सर्जरी को प्राथमिक देते हैं।इससे ब्लड शुगर का स्तर सही बना रहता है।
डायबिटीज में मोतियाबिंद सर्जरी के बाद क्या सावधानी बरतें?
नियमित रूप से दवा लें
सर्जरी के बाद, रोगियों को डायबिटीज मैनेज करने के लिए डॉक्टर के द्वारा बताई गई दवाओं का समय पर सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से संक्रमण और सूजन की समस्या में कमी होती है।
नियमित जांच कराएं
डायबिटीज रोगियों को सर्जरी के बाद नियमित जांच की आवश्यकता होती है। दरअसल, डायबिटीज रोगियों में आंखों के इंफेक्शन और सूजन की संभावना अधिक होती है।
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डायबिटीज की वजह से शरीर में अन्य समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। इस दौरान सर्जरी होने पर कई तरह की समस्या हो सकती है।