सिगरेट पीने से सिर्फ कैंसर ही नहीं, बल्कि दिल की गंभीर बीमारियां जैसे- हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और ऑर्टरी ब्लॉकेज आदि हो सकते हैं। सिगरेट स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक होती है। यही कारण है कि सिगरेट के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 31 मई को World No Tobacco Day यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।
सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, पान, पान मसाला, सुर्ती, जर्दा आदि सभी उत्पादों में तंबाकू का प्रयोग किया जाता है। तंबाकू का सेवन किसी भी तरह से करें, ये आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक ही साबित होगा। तंबाकू आपके धमनियों में बहने वाले खून के बहाव को कम करता है और धमनियों में खून के थक्के बना देता है, जिससे व्यक्ति की तुरंत मौत भी हो सकती है। आइए आपको बताते हैं तंबाकू उत्पादों का सेवन करने पर आपके दिल पर क्या प्रभाव पड़ता है।
दिल के लिए घातक है सिगरेट
सिगरेट पीने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विश्व भर में दिल की बीमारियों से मरने वाला हर 5 में से 1 व्यक्ति धूम्रपान का आदी होता है। महिलाओं में ये खतरा पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा होता है। सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों का सेवन न करने वालों की अपेक्षा सिगरेट पीने वालों में हार्ट डिजीज का खतरा 3-4 गुना बढ़ जाता है। तंबाकू में निकोटिन नाम का पदार्थ आपकी सेहत के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है।
सिगरेट से कैसे प्रभावित होता है आपका दिल
निकोटिन से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ता है क्योंकि-
- इसके कारण आपके दिल को उतनी मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जितनी उसे जरूरत होती है।
- ये आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है।
- इससे दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है।
- इससे रक्त वाहिनियों में खून के थक्के जम जाते हैं, जो हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण है।
- ये रक्त वाहिनियों को भीतर से नुकसान पहुंचाता है। यहां तक कि हृदय की अंदरूनी रक्त वाहिनियां भी इससे बुरी तरह प्रभावित होती हैं।
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क्या सिगरेट छोड़ने से टल जाएगा दिल की बीमारी का खतरा?
अगर आप सिगरेट छोड़ देते हैं तो इससे दिल की बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। सिगरेट छोड़ने के 1 से 2 साल बाद आपको दिल की बीमारियों की आशंका कई गुना कम हो जाती है। इसके अलावा फेफड़ों के कैंसर, मुंह के कैंसर और अन्य कई तरह के कैंसर की संभावना भी कम हो जाती है। जो लोग 35 साल की उम्र से पहले सिगरेट और तम्बाकू उत्पादों का सेवन छोड़ देते हैं, वो अपेक्षाकृत 2-3 साल ज्यादा जीते हैं।
क्या ई-सिगरेट्स सुरक्षित हैं?
ज्यादातर ई-सिगरेट्स में जो केमिकल भरा जाता है वो लिक्विड निकोटिन होता है। निकोटिन नशीला पदार्थ है इसलिए पीने वाले को इसकी लत लग जाती है। थोड़े दिन के ही इस्तेमाल के बाद अगर पीने वाला इसे पीना बंद कर दे, तो उसे बेचैनी और उलझन की समस्या होने लगती है। निकोटिन दिल और सांस के मरीजों के लिए बिल्कुल सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। टीन एज में इसके सेवन से पीने वाले के दिमाग की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है और उसकी मेमोरी जा सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान ई-सिगरेट्स के इस्तेमाल से गर्भपात का भी खतरा होता है और बच्चे के दिमागी विकास में अवरोध भी हो सकता है।
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क्या सिगरेट छोड़ी जा सकती है?
जी हां, सिगरेट की लत को आसानी से छोड़ा जा सकता है। इसके लिए मजबूत इच्छाशक्ति और जीने की आपकी ख्वाहिश मायने रखती है। अगर आप खुद के लिए जीना चाहते हैं, अपने परिवार के लिए जीना चाहते हैं और अपने बच्चों के लिए जीना चाहते हैं, तो आपको सिगरेट या तंबाकू की लत छोड़ने में कोई परेशानी नहीं होगी। आमतौर पर सिगरेट छोड़ने के बाद आपको कुछ दिन तक बेचैनी महसूस होती है। इलरे अवाना भूख ज्यादा लगना, खांसी आना, सिरदर्द और चक्कर जैसी समस्या हो सकती है। लेकिन ये सभी परेशानियां 10-14 दिन में ही समाप्त हो जाती हैं और आप स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी की शुरुआत कर सकते हैं।