बच्चों को इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय, जल्द दिखेगा फर्क

बदलते दौर में बच्चे को शारीरिक स्ट्रॉन्ग बनाने के साथ ही इमोशनली मजबूत बनाना भी बेहद आवश्यक है। आगे जानें बच्चे को इमोशनली मजबूत बनाने के आसान टिप्स

Vikas Arya
Written by: Vikas AryaUpdated at: Nov 20, 2023 11:00 IST
बच्चों को इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय, जल्द दिखेगा फर्क

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आज के समय में जीवन के हर क्षेत्र में कंपीटीशन काफी बढ़ गया है। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चे को शारीरिक मजबूत बनाने के साथ ही इमोशनली तौर पर भी मजबूत बनाएं। बच्चे के इमोशनली मजबूत होने पर वह हर मुश्किल को बेहद ही आसानी से पार कर लेगा। इमोशनली मजबूत होने से बच्चा समस्या से निपटने के लिए सक्षम बनता है। साथ ही, वह चुनौतियों और विफलताओं में भी खुद के कदमों को रोकता नहीं है, बल्कि निरंतर प्रयास करते रहता है। आज के समय में बच्चे का इमोशनली मजबूत होना काफी जरूरी है। क्योंकि, आपने सुना होगा कि क्लास में नंबर कम आने पर ही बच्चे कई बार कुछ बड़ी गलतियां कर बैठते हैं। ऐसे में यह बेहद आवश्यक है कि अभिभावक बचपन से ही बच्चे को इमोशनली तौर पर मजबूत बनाएं। आगे जानते हैं बच्चे को इमोशनली मजबूत बनाने के कुछ उपयोगी टिप्स। 

बच्चों को इमोशनली स्ट्रॉन्ग कैसे बनाएं? - How To Make Kids Emotionally Strong In Hindi 

बच्चे को डांटे नहीं 

बच्चे को इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनाने का सबसे पहला तरीका है कि उसे हर बात में डांटे नहीं। यदि, आप बच्चे को छोटी-छोटी गलतियों पर डांटते हैं तो इससे बच्चा भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाता है और उसका खुद पर विश्वास कम होने लगता है। ऐसे में आप बच्चे को अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही, बच्चे का किसी काम को करने का मन नहीं है तो उसे प्यार से समझाएं। 

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बच्चे को समय का महत्व बताएं 

जैसे-जैसे समय बीत रहा है वैसे-वैसे तकनीक में तेजी से बदलाव आ रहा है। साथ ही, बच्चों के बर्ताव और आत्मविश्वास में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। आज के समय में बच्चे कम उम्र से ही कई चीजों को सीख लेते हैं। ऐसे में आप बच्चे के सही समय पर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें समय की अहमियत को समझाएं। इससे बच्चे के अंदर आत्मविश्वास उत्पन्न होगा। 

समस्या-समाधान कौशल सिखाएं (Problem-Solving Skills)

जीवन चुनौतियों से भरा है, और बच्चों को इन चुनौतियों से कैसे निपटना है यह सिखाना उनको भावनात्मक मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है। निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में उन्हें शामिल करके समस्या-समाधान कौशल (Problem-Solving Skills) विकसित करने में उनकी सहायता करें। उन्हें गंभीर रूप से सोचने और रोजमर्रा की समस्याओं के समाधान पर विचार-मंथन करने के लिए प्रोत्साहित करें। 

ग्रोथ माइंड सेट बनाएं

बच्चों में विकास की मानसिकता (Growth Mindset) पैदा करना भावनात्मक मजबूती के निर्माण का एक शक्तिशाली उपकरण है। उन्हें सिखाएं कि चुनौतियां दुर्गम बाधाओं के बजाय विकास के कई अवसर मौजूद होते हैं। प्रयास, दृढ़ता और गलतियों से सीखने के महत्व पर जोर दें। सीखने की प्रक्रिया के स्वाभाविक हिस्से के रूप में चुनौतियों को स्वीकार करने वाली मानसिकता विकसित करने से, बच्चों में लचीलापन और असफलताओं से उबरने की क्षमता विकसित होती है।

परिवार का महत्व बताएं

मजबूत, सकारात्मक रिश्ते बनाना भावनात्मक मजबूती की आधारशिला है। अपने बच्चों को परिवार, दोस्तों और साथियों के साथ बेहतर संबंध विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें लोगों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने के महत्व सिखाएं। परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के सपोर्ट से बच्चा हर मुश्किल माहौल से आसानी से बाहर आ सकता है। 

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बच्चे के लिए माता पिता के रोल मॉडल की तरह होते हैं। ऐसे में आप बच्चे को हर पड़ाव में सपोर्ट करें। उसके अंदर कुछ करने के लिए जोश भरें। उसको नए काम करने के लिए प्रेरित करें। साथ ही, उसे अच्छा व्यक्ति बनने के लिए प्रोत्साहित करें। 

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