Doctor Verified

मन में बार-बार आते हैं निगेटिव इमोशंस, तो साइकोलॉजिस्ट से जानें इसे कंट्रोल करने के टिप्स

How To Control Negative Thoughts: कुछ लोगों के मन में हमेशा निगेटिव इमोशंस चलते रहते हैं। आइये लेख में जानें इन्हें कंट्रोल करने की टिप्स। 

 

Isha Gupta
Written by: Isha GuptaUpdated at: Nov 27, 2023 17:23 IST
मन में बार-बार आते हैं निगेटिव इमोशंस, तो साइकोलॉजिस्ट से जानें इसे कंट्रोल करने के टिप्स

Onlymyhealth Dabur Vedic Tea

How To Control Negative Thoughts: कहा जाता है कि व्यक्ति का मन बहुत ज्यादा चंचल होता है। इसलिए उसके मन में हमेशा विचार चलते रहते हैं। चाहे हम किसी पुरानी बात को याद कर रहे हो या किसी बात पर गहनता से सोच रहे हो, हमारे मन में हमेशा विचार चलते रहते हैं। लेकिन वहीं कुछ लोगों के मन में हमेशा निगेटिव इमोशंस चलते रहते हैं। इसके कारण वो हमेशा चिड़चिड़े या बैचेन रहते हैं और गलत चीजों को भी सही मान लेते हैं। इसलिए जरूरी है इन भावनाओं पर कंट्रोल किया जाए। अगर आपके साथ भी अक्सर यह समस्या रहती है, तो जानें इसे कैसे कंट्रोल करने की कुछ टिप्स। 

negative emotions

निगेटिव इमोशंस आने का कारण समझें 

अगर आपको एक ही प्रकार के निगेटिव इमोशंस बार-बार आते हैं, तो उसकी वजह जानने की कोशिश करें। जैसे कि अपने अतीत के बारे में सोचकर खुद को कोसना या भविष्य की चिंता ज्यादा करना। ये चीजें आपके अंदर निगेटिव इमोशंस बढाएंगी। इसलिए अपनी भावनाओं और उनके कारणों को समझने की कोशिश करें।

अब अपने निगेटिव इमोशंस को समझें

आपको समझने की कोशिश करनी होगी कि आपके मन में आने वाले  इमोशंस में से कितने इमोशंस निगेटिव हैं। ये किस तरह आपकी भावनाओं को एकदम बदल देते हैं और इनका आप पर क्या असर पड़ता है। इन चीजों से आपको अपनी भावनाओं को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। 

इसे भी पढ़े- इमोशंस कैसे करते हैं आपकी सेहत को प्रभावित? एक्सपर्ट से जानें

अपनी आदतों में थोड़ा बदलाव करें

जब आपके इमोशंस आप पर हावी होने लगे, तो अपनी आदतों में कुछ बदलाव करके देखें, इसके लिए हेल्दी लाइफस्टाइल कि आदतों को अपनाएं, जैसे कि मेडिटेशन करना, समय पर सोना आदि। इन सभी चीजों से आपके ब्रेन को भी रिलैक्स मिलेगा। 
 

भावनाओं को खुलकर व्यक्त करें

मन में बार-बार निगेटिव इमोशंस आना आपके खुलकर बात न कर पाने का कारण भी हो सकता है। इसलिए किसी करीबी से अपनी भावनाओं पर खुलकर बात करें। लेकिन आपको किसी से शेयर नहीं करनी तो, अपने विचारों को किसी डायरी में लिखें।

पॉजिटिव बातें सोचें

जब भी आपके मन में निगेटिव विचार आएं, तो उन्हें रोकने के बजाय पॉजिटिव बातों में बदलने की कोशिश करें। जैसे कि अगर आपको लगता है, अतीत में आपके साथ बहुत गलत हुआ है, तो आपको पॉजिटिव सोचना होगा, कि कम से कम आप आपको ये सब नहीं झेलना पड़ रहा।

मैक्स हॉस्पिटल गुरुग्राम की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट विशाखा भल्ला के मुताबिक साइकोलॉजी में भावनाओं और सेहत के बीच गहरा संबंध पाया गया है। हम जैसा सोचते या महसूस करते हैं, इसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है।

साइकोलॉजिस्ट की मदद लें

अगर आपको महसूस हो रहा है, कि आपके लिए अपनी भावनाओं को कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है, तो किसी साइकोलॉजिस्ट से सलाह लें। ऐसे में आपको सही थेरेपी और काउंसलिंग की जरूरत हो सकती है।

इन टिप्स की मदद से आपको अपनी नकारात्मक भावनाओं पर कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करना न भूलें। 

Disclaimer