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Delusionship: प्यार और फैंटेसी से कैसे अलग है डेल्युजनशिप? साइकोलॉजिस्ट से जानें इस बारे में

Delusionship: किसी को शिद्दत से चाहना दुनिया की सबसे खूबसूरत फीलिंग हो सकती है। लेकिन क्या हो अगर यह आपको डेल्युजनशिप में धकेलने का कारण बनने लगे।

 

Isha Gupta
Written by: Isha GuptaUpdated at: Oct 19, 2023 15:27 IST
Delusionship: प्यार और फैंटेसी से कैसे अलग है डेल्युजनशिप? साइकोलॉजिस्ट से जानें इस बारे में

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What Is Delusionship In Hindi: सोशल मीडिया ट्रेंड्स में बदलाव के साथ ही लोगों के लिए प्यार और मोहब्बत के मायने भी बदल रहे हैं। इसी बीच डेल्युजनशिप नामक एक नई टर्म आजकल काफी ट्रेंड में आ गई है। अगर आसान शब्दों में समझा जाए, तो डेल्युजनशिप एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें व्यक्ति असल जिंदगी को लेकर भ्रम में जीने लगता है। ऐसे में कोई व्यक्ति अपने पंसदीदा व्यक्ति या क्रश को असल जिंदगी में अपना मानने लगता है। वो ऐसा भ्रम बना लेता है कि उसका क्रश सच में उसके साथ  रिलेशनशिप में है या उसे पसंद करता है। इस टर्म को लेकर काफी लोग इसे एक तरफा प्यार या फैंटसी मानने लगते हैं, लेकिन डेल्युजनशिप इन दोनों से बिल्कुल अलग टर्म है। इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि सर गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ.आरती आनंद से। तो चलिए इस लेख के माध्यम से समझें इस टर्म के बारे में। 

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जानिए एक तरफा प्यार से कैसे अलग है डेल्युजनशिप- How Delusionship Different From One Sided Love

एक तरफा प्यार में व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति के साथ प्यार में होता है, जिसके दिल में उसके लिए फीलिंग नहीं होती है। यह एक तरह का आकर्षण और फैंटेसी भी हो सकती है, जिसमें वो बिना कुछ चाहे सामने वाले को चाहने लगता है। ऐसे में वो अपने प्यार को पाने की कोशिशें भी कर सकता है। वहीं डेल्युजनशिप में व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति को पूरी तरह से अपना मानकर बैठा होता है। ऐसे में वो उसे पाने की कोशिशें नहीं भी कर सकता, लेकिन ज्यादातर समय उसके सपनों में ही खोया रहता है। 

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जानिए फैंटेसी से कैसे अलग है डेल्युजनशिप- How Delusionship Different From Fantasy

फैंटेसी एक ऐसी परिस्थिति है, जिसमें व्यक्ति अपने क्रश के बारे में सपने देखने लगता है। ऐसे में वो सपनो के सच होने की उम्मीद करता है, लेकिन उसे पता होता है कि असल जिंदगी में उसकी उम्मीदें सच नहीं हैं। जबकि डेल्युजनशिप में व्यक्ति इस बात को स्वीकार ही नहीं कर पाता कि वो ख्वाब देख रहा है। उसे अपने सपने असल जिंदगी लगने लगते हैं। 

डेल्युजनशिप कैसे मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डाल सकती है- How Delusionship Can Affects Our Mental Health

अगर व्यक्ति लंबे समय तक इस स्थिति में रहता है, तो उसके लिए असल जिंदगी को स्वीकार करना काफी मुश्किल हो सकता है। सामने वाले व्यक्ति से प्यार न मिलने के कारण उसमें स्ट्रेस और एंग्जायटी बढ़ सकती है। अगर सामने वाला व्यक्ति किसी के करीब जाता है, तो उसमें जलन की भावना बढ़ सकती है। ऐसे में व्यक्ति ओवरथिंकिंग करने लगता है और सामने वाले व्यक्ति को पाने की कोशिश में गलत कदम भी उठा सकता है। 

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डेल्युजनशिप से कैसे बाहर आएं- How To Deal With Delusionship 

ऐसे में व्यक्ति के लिए असल जिंदगी और ख्वाबों में फर्क समझना हो जाता है। शुरुआत में यह मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह लंबे समय में आपके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान होने से बचा सकता है। साथ ही अपनी फीलिंग के बारे में अपने क्रश से जरूर बात करें, जिससे आपके मन में उनको लेकर कोई उम्मीद और पछतावा न रहे।

 
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