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पोस्टपार्टम न्यूट्रिशन के लिए डाइट कैसी होनी चाहिए? डॉक्टर से जानें

Postpartum Diet: बच्चे के जन्म के बाद मां के शरीर में काफी कमजोरी होती है। ऐसे में पोस्टपार्टम न्यूट्रिशन के लिए डाइट में खास बदलाव करना जरूरी है।

 

Isha Gupta
Written by: Isha GuptaUpdated at: Nov 29, 2023 15:33 IST
पोस्टपार्टम न्यूट्रिशन के लिए डाइट कैसी होनी चाहिए? डॉक्टर से जानें

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Postpartum Diet While Breastfeeding: डिलीवरी के बाद डाइट पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। दरअसल, बच्चे को जन्म देने के बाद मां में काफी कमजोरी आ जाती है। प्रसव के दौरान महिला में न केवल शारीरिक रूप से कमजोरी होती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी कई परिवर्तन भी होते हैं। शरीर में पोषक तत्वों की कमी पूरा करने के लिए डाइट पर खास ध्यान देना जरूरी होता है, जिसे पोस्टपार्टम न्यूट्रिशन कहा जाता है। पोस्टपार्टम न्यूट्रिशन से न केवल पोषक तत्वों की कमी पूरी होती है, बल्कि स्तन के दूध के उत्पादन में भी वृद्धि होती है जो नवजात के लिए जरूरी है। पोस्टपार्टम न्यूट्रिशन के लिए जच्चा की डाइट कैसी होनी चाहिए, यह जानने के लिए हमने बात कि सीके बिरला हॉस्पिटल (गुरुग्राम) से आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी की लीड कंसल्टेंट डॉ आस्था दयाल से। 

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जानें पोस्टपार्टम न्यूट्रिशन के लिए डाइट कैसी होनी चाहिए- Diet For Postpartum Nutrition 

तरल पदार्थों का सेवन

बच्चे को स्तनपान कराने के कारण शरीर का पानी स्तन के दूध में भी परिवर्तित होता है, इसलिए ऐसे में शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसलिए दिनभर में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पिएं और तरल पदार्थों को डाइट में जरूर शामिल करें। इससे ब्रेस्ट मिल्क का प्रोडक्शन कम नहीं होगा और कब्ज और सिरदर्द जैसी समस्याएं का खतरा भी कम होगा।

बैलेंस डाइट लेना जरूरी 

पोस्टपार्टम न्यूट्रिशन के लिए डाइट में सभी पोषक तत्वों का होना जरूरी है। ऐसे में बैलेंस डाइट लेने से जल्द रिकवरी में मदद मिल सकती है। इसलिए डाइट में साबुत अनाज, प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, फलों और सब्जियों की मात्रा जरूर शामिल करें। कई घरों में हेल्दी लड्डू और पंजीरी भी बनाई जाती है, जो शरीर की कमजोरी भरने के लिए फायदेमंद होती हैं। 

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प्रोटीन की मात्रा बढ़ाए

शरीर के विकास के लिए डेली डाइट में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा होना जरूरी है। लेकिन नई मां के लिए यह और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है, क्योंकि इससे टिशू रिपेयर होने और जल्द रिकवरी में मदद मिलती है। प्रोटीन की मात्रा बढ़ाना के लिए डाइट में दाल, अंडे, पनीर, सोया और बीन्स जरूर शामिल करें। 

आयरन लेना भी जरूरी 

डिलीवरी के दौरान महिला के शरीर से काफी ज्यादा खून निकल जाता है। ऐसे में महिला को एनिमिया होने का खतरा भी हो सकता है। इसलिए आयरन की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में पालक, मसूर दाल, गुड़, खजूर और लाल मीट शामिल करने की सलाह दी जाती है। खून की ज्याद कमी होने पर महिला को आयरन की गोलियां और सप्लिमेंट लेने की सलाह दी जाती है। 

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डाइट में बढ़ाएं कैल्शियम

स्तनपान कराने वाली महिलाओं की डाइट में कैल्शियम की मात्रा दोगुनी होती चाहिए। दरअसल, बच्चे की बोन हेल्थ और संपूर्ण विकास के लिए कैल्शियम जरूरी होता है। इसलिए डाइट में कैल्शियम के खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करना चाहिए। अगर आपको कैल्शियम की कमी होती है, तो डॉक्टर की सलाह पर कैल्शियम के सप्लिमेंट लेना शुरू करें। 

फाइबर लेना भी जरूरी 

पाचन तंत्र से लेकर समस्त स्वास्थ्य के लिए डाइट में पर्याप्त फाइबर होना जरूरी है। इससे डिलीवरी के बाद होने वाली कब्ज और पाइल्स जैसी समस्याओं का खतरा भी कम होता है। फाइबर की मात्रा बढ़ाने के लिए डाइट में साबुत अनाज, फल और सब्जियां जरूर शामिल करें।

ओमेगा-3 फैटी एसिड लें

नवजात के मस्तिष्क के विकास के लिए स्तनपान कराने वाली महिलाओं की डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड होना जरूरी है। इससे पोस्टपार्टम डिप्रेशन का खतरा भी कम होता है। डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड बढ़ाने के लिए असली, सेलमन और अखरोट का सेवन किया जा सकता है। इसके साथ ही डाइट में विटामिन-डी, बी और फोलिक एसिड लेना भी जरूरी है। 

इन चीजों का रखें ध्यान 

  • स्तनपान कराने वाली महिला को डाइट में 550 कैलोरी ज्यादा देना जरूरी होता है, जिससे नवजात के पोषण में भी कमी न आए। 
  • इस दौरान ज्यादा चीनी, अनहेल्दी फैट्स या प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से डिलीवरी के बाद वजन घटाना मुश्किल हो जाता है।
  • दिन में कई छोटे-छोटे मील लेने से महिला को एनर्जी और हेल्दी वेट मेंटेन करने में मदद मिल सकती 
 
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