गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज की शिकायत होने की संभावना अधिक रहती है । इन कारणों से गर्भवती महिलाओं में मधुमेह की जांच अनिवार्य हो जाती है।

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गर्भावधि मधुमेह की संभावना को रोकने की लिए जरूरी है शुगर की जांच

गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज की शिकायत होने की संभावना अधिक रहती है । इन कारणों से गर्भवती महिलाओं में मधुमेह की जांच अनिवार्य हो जाती है।

अनुराधा गोयल
Written by: अनुराधा गोयलUpdated at: Nov 13, 2013 00:00 IST
गर्भावधि मधुमेह की संभावना को रोकने की लिए जरूरी है शुगर की जांच

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गर्भावस्‍था के दौरान कई प्रकार की समस्‍याअें के होने की ज्‍यादा आशंका रहती है, इन्‍हें गर्भावस्‍था क जटिलता भी कहा जा सकता है। खासकर मोटी महिलाओं को गर्भावधि मधुमेह होने की संभावना ज्‍यादा रहती है।

गर्भवती महिलाओं में मधुमेह की निरंतर जांच जरूरी होती है। जांच के अभाव में मधुमेह के बढ़ने का खतरा रहता है। इसीलिए उन्हें नियमित जांच कराते रहना चाहिए। इतना ही नहीं गर्भावस्था के दौरान व गर्भावस्था के बाद भी नियमित गर्भावस्‍था जांच कराते रहना चाहिए। आइए जानें क्यों गर्भावस्था में मधुमेह की जांच जरूरी होनी चाहिए।

 

गर्भावस्‍था और मधुमेह की जांच

  • मधुमेह हालांकि कि कोई जानलेवा बीमारी नहीं है लेकिन परहेज न होने और लापरवाही होने पर यह जोखिम भरा हो सकता है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए मधुमेह खतरनाक हो सकता है। इसीलिए गर्भावस्था में 24 से 28वें सप्ताह के दौरान मधुमेह की जांच अनिवार्य है।
  • हालांकि मधुमेह में कोई बाहरी लक्षण नहीं दिखता। लेकिन आज के दौर में जीवन शैली और खान-पान में परिवर्तन आने से मधुमेह की बीमारी होने का डर अधिक रहता है और इन्हीं कारणों से जांच जरूरी है।
  • गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं में मधुमेह होने की आशंका ज्यादा रहती है। कई बार जांच के अभाव में मधुमेह का पता देर में चलने पर प्रसव के वक्त तमाम तरह की परेशानियां होती है। इसीलिए गर्भवती महिलाओं में मधुमेह की जांच अनिवार्य व नियमित जांच होनी चाहिए।
  • दरअसल गर्भावस्था में मधुमेह होने पर गर्भवती महिला का रक्तचाप काफी बढ़ जाता है, साथ ही पैरों में भी काफी सूजन हो जाती है जिससे गुर्दे को नुकसान हो सकता है या वह बार-बार बेहोश हो सकती । इतना ही नहीं प्रसव के दौरान जान का जोखिम भी हो सकता है।
  • गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज का खतरा अधिक इसलिए होता है क्योंकि प्रसव के बाद ऐसा होना स्वाभाविक है। प्रसव के बाद कई और बीमारियों के पनपने का भी खतरा रहता है। साथ ही होने वाले बच्चे के भविष्य में भी मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।
  • कई बीमारियों से बचने और मधुमेह से बचाव के लिए जरूरी है मधुमेह की समय पर जांच हो और सावधानियां बरतते हुए गर्भावस्‍था टेस्‍ट भी करवाएं जाएं।

 

बहरहाल गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद होने वाली बीमारियों, खतरों और मधुमेह से बचाव के लिए जरूरी है कि गर्भावस्थान में मधुमेह की जांच जरूरी हो और गर्भावस्था में जांच नियमित हो। खासकर महिलाओं में मधुमेह की जांच अनिवार्य होनी चाहिए। तभी इसके खतरों को टालना संभव हो सकेगा।

 

 

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