डायबिटीज रोगी पैर में घाव या चोट को न करें नजरअंदाज, हो सकते हैं कई खतरे

डायबिटीज का असर आपके कई अंगों पर पड़ता है। कई बार देखा जाता है कि डायबिटीज के कारण व्यक्ति के पैरों में घाव या छाले हो जाते हैं।

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: Jul 03, 2020 15:46 IST
डायबिटीज रोगी पैर में घाव या चोट को न करें नजरअंदाज, हो सकते हैं कई खतरे

Onlymyhealth Dabur Vedic Tea

धर्मेन्द्र को पिछले 3 सालों से डायबिटीज है। पिछले दिनों ऑफिस से घर लौटने के बाद उन्हें अपने पैर के तलवों में दर्द महसूस हुआ। गौर से देखने पर पैर में छाले जैसा छोटा सा लाल रंग का निशान दिखा। इस निशान को देखकर धर्मेन्द्र ने समझा कि ज्यादा चलने के कारण या उसके नए जूतों के कारण पैर में छाला पड़ गया है। धर्मेन्द्र ने छाले को भरने के लिए इस पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगा ली।

insidefootcareindiabetes

2 दिन बाद धर्मेन्द्र के पैर में छोटा सा घाव हो गया और उनके मोजे में खून लगा हुआ दिखा। इसके अगले दिन उसे चलने में मुश्किल आने लगी। फिर भी धर्मेन्द्र को ये सामान्य लग रहा था। इसके लिए उसने डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं समझी। सप्ताह भर में ही घाव जब ज्यादा बढ़ गया, तो धर्मेन्द्र डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर ने धर्मेन्द्र को बताया कि ये 'डायबिटिक फुट अल्सर' है।

क्या है डायबिटिक फुट अल्सर

डायबिटीज का असर आपके कई अंगों पर पड़ता है। कई बार देखा जाता है कि डायबिटीज के कारण व्यक्ति के पैरों में घाव या छाले हो जाते हैं। ध्यान न देने पर ये घाव बढ़ते जाते हैं व्यक्ति गंभीर संक्रमण का शिकार हो सकता है। इसे डायबिटिक फुट अल्सर कहते हैं। इस तरह के घावों की शुरुआत बहुत सामान्य तरीके से होती है, इसलिए लोग शुरुआत में इसे नजरअंदाज कर देते हैं। डायबिटीज के 10% से ज्यादा मरीजों को अपने जीवन में ये समस्या जरूर होती है। अगर शुरुआत से ही सावधानी रखें, तो पैरों को खराब होने से बचाया जा सकता है।

insidediabeticfoot

इसे भी पढ़ें:- डायबिटीज से हड्डियां भी हो सकती हैं कमजोर, ये लक्षण दिखने पर बरतें सावधानी

कितना खतरनाक है डायबिटिक फुट अल्सर

पैरों की टिशूज शरीर के अन्य अंगों के टिशूज की अपेक्षा ज्यादा मुलायम होते हैं। इसलिए अगर किसी व्यक्ति के पैरों में इंफेक्शन होता है, तो ये मांसपेशियों और हड्डियों में आसानी से फैल सकता है। डायबिटीज के मरीजों में शुद्ध ऑक्सीजनयुक्त खून की समस्या पहले ही होती है। ऐसे में पैरों में होने वाला ये इंफेक्शन काफी घातक हो जाता है। कई बार ध्यान न देने पर इंफेक्शन इतना फैल सकता है कि व्यक्ति के पैर काट कर अलग करने पड़ते हैं, ताकि इंफेक्शन शरीर के दूसरे अंगों तक न पहुंचे।

Buy Online: Dr. Morepen BG-03 Gluco One Glucometer, 25 Strips (Multicolor) , Offer Price: Rs. 580/-

डायबिटीज के मरीज कैसे बचें डायबिटिक फुट अल्सर के खतरे से?

अगर आपको डायबिटीज है, तो कुछ बातों का ध्यान रख कर आप डायबिटिक फुट अल्सर के खतरे को कम कर सकते हैं।

  • ब्लड शुगर को कंट्रोल रख कर आप संक्रमण के खतरे को कम सकते हैं। अगर आपके ब्लड में ग्लूकोज लेवल सामान्य रहेगा, तो आपको चोट, घाव आदि का एहसास आसानी और जल्दी से होगा। इसके अलावा ब्लड शुगर सामान्य रहने से घाव तेजी से भरना शुरू हो जाता है, जबकि ब्लड शुगर बढ़ा हुआ होने पर घाव भरने के बजाय बढ़ना शुरू हो जाता है।
  • अपने पैरों पर रोज नजर रखें। अगर आपको पैरों पर कोई छाला, लाल निशान या घाव दिखता है, तो बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको अपने पैरों के तलवों को देखने में समस्या आ रही है, तो शीशे के सामने इसे देखें।
  • आमतौर पर ऐसे फुट अल्सर को ठीक करने के लिए डॉक्टर त्वचा में इंफेक्शन वाले हिस्से को काटकर अलग कर देते हैं, जिससे घाव भरने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।

  • इसके अलावा डॉक्टर आपके घाव पर ड्रेसिंग करते हैं, जिसे आपको रेगुलर बदलना चाहिए। एक ही पट्टी या रूई को कई दिन घाव पर लगाए रहने से भी इंफेक्शन बढ़ता है।
  • अगर आपको डायबिटिक फुट अल्सर हो गया है, तो डॉक्टर आपको कुछ दिन के लिए आराम करने की सलाह दे सकते हैं।
  • अगर पैरों का घाव 4 सप्ताह में ठीक नहीं हो रहा है या इंफेक्शन आपकी हड्डियों तक पहुंच गया है, तो डॉक्टर आपको ऑपरेशन कराने की सलाह दे सकते हैं।

Read More Articles On Diabetes In Hindi

Disclaimer