सौंदर्य का बखान करते समय मुस्कहराहट को किसी भी प्रकार से कम नहीं आंका जा सकता। चाहे बात पुराने ज़माने की करें या आज की, तारीफ करने के तरीके शायद बदल गये हैं, लेकिन किसी की तारीफ करते समय आप उसकी मुस्कान की तारीफ करना नहीं भूलते। प्रॅास्थोाडांटिस्टक व इम्लांफ टोलॅाजिस्टी डॅाक्टकर अमोल थोरट का कहना है कि कुछ लोग खुल कर इसलिए नहीं हंसते क्योंकि उन्हें लगता है, उनके दांतों का आकार खराब है या हंसते समय उनके मसूड़े दिखते हैं। ऐसे लोग प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री का सहारा लेकर अपनी मुस्कान वापस पा सकते है। कॅास्मेटिक डेंटिस्ट्रीकॅास्मे टिक डेंटिस्ट्री की मदद से आढ़ें-तिरछे दांतों को ठीक करने से लेकर दांतों के सौंदर्यीकरण तक किया जाता है।
डेन्चर्स
डेन्चयर्स का प्रयोग तब होता है, जबकि आपके दांत पूरी तरह से खराब हो जाते हैं और उन्हें निकलना पड़ता है। हालांकि शुरू-शुरू में आपको इनसे परेशानी हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे आपको इनकी आदत हो जायेगी।
दंत प्रत्यारोपण
इस प्रक्रिया में आपके असली दांतों के स्थातन पर नकली दांत लगाये जाते हैं, लेकिन इन नकली दांतों को लगाने के लिए आसपास के दांतो का सहारा लेना पड़ता है ।
फैशनेबल ब्रेसेज़
ब्रेसेज़ का प्रयोग बाहर निकले हुए दांतों को ठीक करने के लिए किया जाता है। जाने माने दंत चिकित्सिक डॅाक्टकर शरद कुमार का कहना है कि आजकल ब्रेसेज़ भी नऐ प्रकार के आ रहे हैं और जहां मेटल के ब्रेसेज़ पहनकर लोग अपने लुक को लेकर शरमिंदा होते थे वहीं दांतों के रंग के ब्रेसेज़ या ना दिखने वाले ब्रेसेज़ युवाओं को बहुत पसंद आ रहे हैं।
डॅाक्टर अमोल थोरट का कहना है कि यह एक भ्रम है कि उम्र के साथ दांत खराब होते हैं। अगर आप ठीक प्रकार से अपने दांतों की देख-रेख करेंगे, तो वह भी आजीवन आपका साथ देंगे।
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