डायबिटीज एक जटिल समस्या है, जिससे दुनियाभर में लाखों लोग पीड़ित हैं। आजकल बच्चों में टाइप 1 के साथ-साथ टाइप 2 डायबिटीज का भी खतरा बढ़ गया है। हाल ही में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के शोधकर्ताओं द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक बच्चों को टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम काफी बढ़ गया है। दिल्ली के अग्रवाल होमियो क्लीनिक के डॉ. पंकज अग्रवाल से जानते हैं बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज होने के कुछ कारण और इससे बचने के उपायों के बारे में।
बच्चों में बढ़ रहा है डायबिटीज का खतरा
डॉ. अग्रवाल के के मुताबिक डायबिटीज अब बुढ़ापे में होने वाली बीमारी नहीं रही। आज के समय में यह बच्चों को भी तेजी से अपना शिकार बना रही है। खराब लाइफस्टाइल में पलने-बढ़ने के चलते बहुत से बच्चे डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं। आमतौर पर यह शरीर में वसा की मात्रा बढ़ने पर या फिर बचपन में शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण होती है। कई बार यह जेनेटिक कारणों से भी हो सकता है। आजकल अधिकांश बच्चों में जंक और प्रोसेस्ड फूड खाने की आदत होती है, जिससे मोटापा बढ़ता है और बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम भी बढ़ता है।
जेनेटिक नहीं होने पर भी होती है डायबिटीज
पूरी तरह से यह कहना गलत है कि अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है तो आप भी इससे पीड़ित होंगे। जबकि इसके पीछे अन्य भी कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। केजीएमयू के मेडिसीन डिपार्टमेंट के सीनियर फेकल्टी मेंबर कौसर उसमान ने कहा कि छोटे बच्चे भी डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने सातवीं कक्षा के बच्चे में टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण देखे, जिसके परिवार में डायबिटीज का कोई नामो-निशान नहीं था।
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बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण
- बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं।
- बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज होने पर भूख ज्यादा लगती है।
- ऐसी स्थिति में ज्यादा थकान लगती है।
- ऐसे में आंखों से कम दिखने जैसी समस्या भी होती है।
टाइप 2 डायबिटीज से बचने के तरीके
- बच्चों को टाइप 2 डायबिटीज से बचाने के लिए उन्हें शारीरिक गतिविधियों में शामिल करें।
- बच्चों को डायबिटीज से बचाने के लिए उन्हें भरपूर मात्रा में पानी पिलाएं। यह ब्लड शुगर लेवल मैनेज करने में मददगार होता है।
- इसके लिए खान-पान पर ध्यान दें। डाइट में फल, सब्जियां और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें।