खानपान की गलत आदतों और लाइफस्टाइल में किए गए बदलावों की वजह से हमें कई तरह के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की वजह से हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, दिल की धड़कने अनियमित होना, सीने में दर्द, सांस लेनें में तकलीफ होना, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसे कई कारक हार्ट अटैक की एक बड़ी वजह बन सकते हैं। लेकिन कई बार हार्ट में किसी तरह सी समस्या या लक्षण न दिखाई देने पर लोगों को हार्ट अटैक आ सकता है। इस साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। अपोलो अस्पताल के कार्डियोवैस्कुलर के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. निरंजन हिरेमठ से आगे जानते हैं साइलेंट हार्ट अटैक होने के क्या कारण होते हैं और इसका इलाज कैसे किया जाता है।
साइलेंट हार्ट अटैक क्या है? - What is Silent Heart Attack In Hindi
हेल्थलाइन के अनुसार साइलेंट हार्ट अटैक होने पर कई बार व्यक्ति इसे सीने में जलन और फ्लू की समस्या समझ लेते हैं। सामान्य हार्ट अटैक की तरह, साइलेंट हार्ट अटैक में भी हृदय की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह बाधित होता जाता है। अक्सर, ऐसा तब होता है जब ब्लड क्लॉट कोरोनरी धमनी में ब्लड सर्कुलेशन को आंशिक रूप से या पूरी तरह से ब्लॉक कर देता है। ऑक्सीजन युक्त ब्लड की आपूर्ति के बिना हार्ट की मांसपेशियों के टिश्यू डैमेज होने लगते हैं, जिससे यह अटैक आ सकता है।
क्या साइलेंट हार्ट अटैक हानिकारक है? - Is silent heart attack harmful In Hindi
साइलेंट हार्ट अटैक होने पर दूसरी बार दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है, जो जानलेवा हो सकता है। दोबारा हार्ट अटैक पड़ने से हार्ट फेलियर का जोखिम बढ़ जाता है। फिलहाल, साइलेंट हार्ट अटैक की संभावना जांच के लिए परीक्षण नहीं हैं।
साइलेंट हार्ट अटैक का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Silent Heart Attack in Hindi
साइलेंट हार्ट अटैक के दौरान डॉक्टर सामान्य हार्ट अटैक के दौरान किये जाने वाला इलाज करते हैं। समय रहते यदि इसकी पहचान कर ली जाए तो डॉक्टर साइलेंट हार्ट अटैक का इलाज कर सकते हैं। इसमें डॉक्टर मरीज का आगे बताए तरीको से इलाज कर सकते हैं।
- बीटा-ब्लॉकर्स: ये ऐसी दवाएं हैं जो आगे की आर्टरी ब्लॉकेज यानी नसोंं की रूकावट (ischemia) को रोक सकती हैं।
- थ्रोम्बोलाइटिक्स: ये दवाएं हार्ट अटैक के दौरान रक्त के थक्कों को तोड़ने में मदद करती हैं।
- एसीई अवरोधक: ये दवाएं रक्तचाप को कम करती हैं, जिससे हृदय पर तनाव कम होता है।
- स्टैटिन: ये दवाएं कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती हैं, इससे प्लाक बनने का संभावना कम होती है।
- कोरोनरी एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग: इसमें शरीर में कम चीरा लगाया जाता है। इसके द्वारा एक छोटे पाइप को नस के माध्यम से धमनी की रुकावट तक पहुंचाकर इसे चौड़ा किया जाता है। इसमें एक स्टेंट का उपयोग किया जाता है।
- कार्डियक बाईपास सर्जरी: यह एक ओपन-हार्ट सर्जरी है जिसमें हार्ट तक रक्त पहुंचाने के लिए एक नया रास्ता बनाया जाता है। इस सर्जरी में शरीर के दूसरे हिस्से से रक्त वाहिका (नस) ली जाती है।
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डॉक्टरों के अनुसार अधिक आयु, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा, धूम्रपान व शराब का सेवन और शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हार्ट अटैक को जोखिम बढ़ जाता है। इन सभी से बचने के लिए आप एक्सरसाइज, योग और डाइट में बदलाव करें। साथ ही, किसी भी तरह के लक्षण को नजरअंदाज ना करें।