धुंधला नजर आना, पलकों पर गांठ जैसे कई लक्षण हैं आंखों के कैंसर का संकेत, जानें Eye Cancer के बारे में

शरीर के अन्य अंगों की तरह आंखों में भी कैंसर की समस्या हो सकती है। इसके कारण और लक्षण को जानकर आप सही समय पर आंखों के कैंसर की पहचान कर सकते हैं।

Kishori Mishra
Written by: Kishori MishraUpdated at: Nov 25, 2020 17:12 IST
धुंधला नजर आना, पलकों पर गांठ जैसे कई लक्षण हैं आंखों के कैंसर का संकेत, जानें Eye Cancer के बारे में

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कैंसर का नाम सुनते ही हमारे दिल और दिमाग में एक डर सा पनपने लगता है क्योंकि कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज मुश्किल भी होता है और मंहगा भी होता है। हमारे शरीर में अनगिनत कोशिकाएं (Cells) होती हैं और ये कोशिकाएं निरंतर विभाजित होती रहती हैं। यह शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है और इसपर शरीर का पूरी नियंत्रण रहता है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में जब शरीर का इन कोशिकाओं पर नियंत्रण नहीं होता है या फिर जब ये कोशिकाएं निरंतर बढ़ती रहती हैं, तो इस समस्या को कैंसर कहा जाता है। कैंसर हमारे शरीर के कई हिस्सो में हो सकता है जैसे- ब्लड कैंसर, स्तन कैंसर (Breast Cancer), स्किन कैंसर (Skin cancer), गले का कैंसर, मुंह का कैंसर (Mouth Cancer) इत्यादि। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे आंखों में भी कैंसर होता है? अगर नहीं, तो चलिए आज इस बारे में जानते हैं। आखिर क्या है आंखों का कैंसर, इसके लक्षण और इससे बचाव (Prevention of Eye Cancer) के लिए क्या तरीके अपनाने जरूरी हैं।

क्या है आंखों का कैंसर? (What is Eye Cancer)

आंखों की कोशिकाएं अगर अनावश्यक तरीके से लगातार बढ़ना शुरू हो जाएं तो इसे ही आंखों का कैंसर कहते हैं। आंखों के सेल्स में अचानक तेजी से वृद्धि होने के कारण सेल्स चारों ओर फैलने लगती हैं। मेलेनोमा आंखों के कैंसर का कॉमन टाइप है। आंखों में अन्य तरह के भी कैंसर होते हैं, जो आंखों के सेल्स को अलग-अलग तरह से प्रभावित करते हैं। हालांकि आंखों के कैंसर के मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं, लेकिन प्रदूषण और केमिकल के संपर्क में आने वाले लोगों में इसकी संभावना होती है।

आंखों के कैंसर की वजह से आंखों का आउटर पार्ट (outer Part of Eye) अधिक प्रभावित होता है। वहीं, अगर आईबॉल के अंदर कैंसर होता है, तो इसे इंट्राऑकुलर कैंसर (Intraocular cancer) कहते हैं। बच्चों में भी आंखों के कैंसर के लक्षण दिख सकते हैं। रेटीनोब्लास्टोमा (retinoblastoma) बच्चों में होने वाला कॉमन आई कैंसर है, जो आंखों के रेटीना सेल्स (Ratina Cells) को प्रभावित करता है। धीरे-धीरे यह कैंसर पूरे आंखों में फैलने लगता है। आइए जानते हैं आंखों में कैंसर के  लक्षण (Symptoms of Eye Cancer) क्या हैं?

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आंखों के कैंसर का लक्षण (Eye Cancer Symptoms)

  • आंखों में बिना किसी दर्द के अचानक से देखने में परेशानी होना।
  • आंखों में रोशनी का चमकना
  • बेवजह परछाई दिखना
  • आंखों में उधार आना (आंखों के अंदर का हिस्सा ऊपर की ओर उठा हुआ दिखना)
  • आंखों की पलकों पर गांठ दिखना
  • धुंधली दृष्टि
  • आंखों से धुंधली दृष्टि के साथ धब्बे-धब्बे जैसा दिखना
 

किन कारणों से होता है आंखों का कैंसर (Causes of Eye Cancer)

 
आई कैंसर किन वजहों से होता है, इसके बारे में अभी तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आए हैं। डॉक्टर का मानना है कि आई कैंसर तब होता है, जब व्यक्ति के डीएनए में कमी और जब उनके हेल्दी सेल्स प्रभावित होते हैं। 

किस तरह करें आंखों के कैंसर का निदान (Diagnosis of Eye Cancer)

यदि आपके आंखों में किसी तरह की कोई परेशानी हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वे आपको वे कुछ टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं।
 
अल्ट्रासाउंट की मदद से आई मेलेनोमा का टेस्ट किया जाता है। इसके साथ ही अल्ट्रासाउंड से आंखों में मौजूद ट्यूमर की मोटाई का भी पता लगाया जा सकता है। अल्टासाउंट के आधार पर डॉक्टर इलाज शुरू करते हैं। 

अल्ट्रासाउंड के अलावा डॉक्टर एक पीले कलर की डाई मरीजे के नसों में सूई के जरिए डालते हैं। इसके बाद डॉक्टर मशीन के जरिए आंखों की तस्वीर लेते हैं। इन इमेज से आंखों में डाई के फ्लो को देखा जाता है। इसके आधार पर भी डॉक्टर आंखों के कैंसर का पता लगा सकते हैं।

इन लोगों को हो सकता है आंखों का कैंसर(Risk of Eye Cancer)

  • आंखों का कैंसर 50 से 60 वर्ष के लोगों को हो सकता है। 70 के बाद व्यक्ति को दुर्लभ परिस्थिति में आंखों का कैंसर हो सकता है। कुछ मामलों में बच्चों को भी आंखों के कैंसर हो सकते हैं।
  • सफेद नस्ल के लोगों यानी कॉकेशियन में मेलानोमा कैंसर विकसित होने का खतरा दूसरी नस्लों की तुलना में अधिक रहता है।
  • ऐसे लोग जिन्हें स्किन में पिग्मेंटेशन, तिल, मस्सा जैसी समस्याएं रहती हैं, उन्हें भी आंखों का कैंसर हो सकता है।
  • अनुवांशिक रूप से भी कुछ लोगों को आंखों का कैंसर हो सकता है। इसमें रेटिनोब्लास्टोमा आंखों का कैंसर (बच्चों की आंखों में होने वाला कैंसर) प्रमुख है।
  • लंबे समय तक सूरज की रोशनी के संपर्क में लगातार रहने वाले लोगों को भी आंखों के कैंसर का खतरा होता है। अगर आपको किसी तरह से आंखों के कैंसर के लक्षण दिखे, तो तुंरत डॉक्टर्स से संपर्क करेँ।

आंखों के कैंसर का बचाव (Prevention of Eye Cancer)

  • अगर आपके परिवार में किसी को पहले से भी आंखों का कैंसर है, तो ऐसे में आने वाली पीढ़ियों को इसका खतरा होता है। ऐसे में अपने बच्चों और खुद का हर 6 महीने में आंखों का टेस्ट जरूर कराएं और डॉक्टर को बताएं कि आपके यहां आंखों के कैंसर की हिस्ट्री रही है।
  • सूरज की रोशनी के संपर्क में कम से कम आएं। स्किन कैंसर की तरह की आंखों का कैंसर सूरज की रोशनी से हो सकता है। खासकर ऐसे लोग जो यूवी किरणों (Ultra violet rays) के डायरेक्ट संपर्क में आते हैं, उन्हें आंखों का कैंसर हो सकता है। इसलिए सूरज की रोशनी में देर तक काम करते हैं या आपके आंखों पर डायरेक्ट सनलाइट पड़ती है, तो सनग्लासेज लगाएं या टोपी लगाएं, जो आपकी आंखों को ढक सके।
  • जन्म के समय अपने बच्चों की आंखों की जांच जरूर कराएं। इससे आंखों में होने वाले कैंसर के खतरे से बचा जा सकता है।
  • धूप में जाने से पहले आंखों का चश्मा जरूर पहनें। इससे आप काफी हद तक यूवी किरणों से बच सकते हैं

आंखों में किसी तरह की परेशानी होने पर कभी भी घरेलू नुस्खे ना अपनाएं। इससे आपके आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। अगर आंखों में दर्द, जलन, धुंधलापन जैसे लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें।

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