मेंटल हेल्‍थ को भी बिगाड़ सकता है प्रदूषण, एक्‍सपर्ट से जानें बढ़ते प्रदूषण से कैसे रखें खुद को सुरक्षित

वायु प्रदूषण केवल आपके फेफड़ो को ही नहीं, बल्कि आपके दिल और दिमाग दोनों को प्रभावित कर सकता है। जानें प्रदूषण और मेंटल हेल्‍थ के बीच क्‍या संबंध है।

Sheetal Bisht
Written by: Sheetal BishtUpdated at: Nov 16, 2020 09:00 IST
मेंटल हेल्‍थ को भी बिगाड़ सकता है प्रदूषण, एक्‍सपर्ट से जानें बढ़ते प्रदूषण से कैसे रखें खुद को सुरक्षित

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बढ़ता प्रदूषण हम सबको कई तरीके से बीमार बना रहा है। इसका असर न केवल हमारे शारीरिक, बल्कि मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर भी पड़ रहा है। ऐसे में ओन्‍लीमाय हेल्‍थ के माय राइट टू ब्रीद कैंपेन में आज हम आपको वायु प्रदूषण का हमारी मेंटल हेल्‍थ पर असर के बारे में विस्‍तार से बताएंगे। जी हां, वायु प्रदूषण न केवल आपको शारीरिक रूप से बीमार बना रहा है, बल्कि यह आपको मानसिक रूप से भी कमजोर बना रहा है। खासकर यदि आप दिल्‍ली या मुम्‍बई जैसी जगहों पर रह रहे हैं, तो यहां की जहरीली हवा आपके फेफड़ों पर बुरा असर डालने के साथ आपके स्‍ट्रेस और डिप्रेशन लेवल को भी बढ़ा सकती है। यह कैसे संभव हो सकता है, इसे समझने के लिए ओन्‍लीमाय हेल्‍थ ने इंस्‍टीट्यूट ऑफ साइको मैट्रिक्स असेसमेंट एण्‍ड कांउसलिंग की चेयरपर्सन और माइंड डिजाइनर, डॉक्‍टर कोमलप्रीत कौर से बात की। यहां वायु प्रदूषण और मेंटल हेल्‍थ के बीच संबंध को डा. कोमलप्रीत कौर विस्‍तार से बता रही हैं।

air pollution and mental health

मेंटल हेल्‍थ को कैसे प्रभावित करता है वायु प्रदूषण?

डॉ. कोमलप्रीत कहती हैं, वायु प्रदूषण आपकी फिजिकल हेल्‍थ के साथ आपकी मेंटल हेल्‍थ को भी प्रभावित करता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि प्रदूषण के कारण हवा में बहुत सारी गैसें होती हैं, जिसमें एक होता है पार्टिकुलेट मैटर (PM), जो कि सीधे हमारी मेंटल हेल्‍थ को प्रभावित करता है। यह पर्टिकुलर मेटर आपके फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिससे कि आपकी फिजिकल हेल्‍थ प्रभावित होती है। आपकी फिजिकल हेल्‍थ सीधे-सीधें आपकी मेंटल हेल्‍थ से जुड़ी होती हैं।

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डॉ. कोमलप्रीत आगे कहती हैं, इसके अलावा वायु प्रदूषण या पार्टिकुलेट मैटर सीधे आपकी मेंटल हेल्‍थ को एक और तरीके से प्रभावित कर सकता है। जिसमें कि यह आपके सेंट्रल नर्वस सिस्‍टम में सूजन का कारण बनता है। जिसकी वजह से आपको एंग्‍जायटी, स्‍ट्रेस, डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी समस्‍याएं होने लगती हैं। इसके अलावा, जब आप लगातार वायु प्रदूषण या दूषित हवा में रह रहे हैं, तो यह क्रॉनिक स्‍ट्रेस का कारण बन जाता है। इससे आप ज्‍यादातर उदास रहने लगते हैं या आपका मूड लो रहता है।

तनाव के साथ-साथ सोचने की क्षमता भी होती है प्रभावित

आगे डॉ. कोमलप्रीत कौर बताती हैं कि वायु प्रदूषण स्‍ट्रेस के साथ-साथ आपकी सोचने-समझने या निर्णय लेने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। इससे आपको ध्‍यान केंद्रित करने में भी कठिनाई पैदा होने लगती है। इतना ही नहीं कुछ रिसर्च भी बताती हैं कि वायु प्रदूषण का बढ़ता स्‍तर डिप्रेशन और स्‍ट्रेस लेवल को बढ़ाने के लिए जिम्‍मेदार हो सकता है। जिसकी वजह से व्‍यक्ति के न्यूरो-डेवलपमेंट और संज्ञानात्मक बुद्धि को भी नुकसान पहुंच सकता है।

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बढ़ते प्रदूषण में कैसे रखें खुद को सुरक्षित?

यहां डॉ. कोमलप्रीत ने बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच खुद को सुरक्षित व स्‍वस्‍थ रहने के लिए कुछ टिप्‍स दिए हैं:

  • ऐसे समय, जब कि पॉल्‍यूशन लेवल कम होता है, आप उस दौरान मेडिटेशन कर सकते हैं। इसके लिए सुबह का समय एकदम सही है। आप योगासन करें और प्रकृति से जुड़ाव वाली एक्टिविटीज करें।
  • इम्‍युनिटी बूस्‍टर ड्रिंक्‍स पिएं और हेल्दी खाना खाएं। कोशिश करें कि ऑर्गेनिक फूड्स खाएं।
  • अपनी नींद पर विशेष ध्‍यान दें। आपकी नींद आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। जिसमें आप कम से कम 7 घंटे की नींद लें।
  • इसके अलावा, घर से बाहर निकलने पर आप फेस मास्‍क पहनें।

इस तरह आप कुछ स्‍वस्‍थ आदतों और खानपान के साथ खुद को वायु प्रदूषण से सुर‍क्षित रख सकते हैं। डॉ. कोमलप्रीत कहती हैं, अगर आप मेंटली स्‍ट्रांग होंगे, तो आपको फिजिकली हेल्‍दी रह सकते हैं। क्‍योंकि जब आप मानसिक रूप से मजबूत होते हैं, तो आपको शारीरिक बीमारी से लड़ने के लिए मजबूत बनाता है।

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