रोज धूप में 5 मिनट रहने से दूर होते हैं टीबी के बैक्टीरिया

टीबी एक खतरनाक बीमारी है, जिससे हर साल भारत में 15 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। मगर क्या आप जानते हैं कि अगर आप रोजाना सिर्फ 5 मिनट धूप में बैठते या टहलते हैं, तो टीबी का खतरा कम हो जाता है।

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: Oct 08, 2018 14:39 IST
रोज धूप में 5 मिनट रहने से दूर होते हैं टीबी के बैक्टीरिया

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टीबी एक खतरनाक बीमारी है, जिससे हर साल भारत में 15 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। टीबी अर्थात ट्यूबरक्लोसिस एक संक्रामक रोग है। इसे क्षय रोग या तपेदिक भी कहते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि अगर आप रोजाना सिर्फ 5 मिनट धूप में बैठते या टहलते हैं, तो टीबी का खतरा कम हो जाता है। लखनऊ में आयोजित हो रहे इंडिया इंटरनैशनल साइंस फेस्टिवल के हेल्थ कॉन्क्लेव में केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन के हेड डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि रोज थोड़ी देर धूप में रहने से टीबी के बैक्टीरिया मर जाते हैं।

भारत में 32 लाख और सिर्फ यूपी में 7.5 लाख मरीज

डॉ. सूर्यकांत ने यह भी बताया कि भारत में हर दूसरे व्यक्ति में टीबी के संक्रमण पाए जाते हैं और उन्हें टीबी का खतरा है। ऐसे में अगर आप रोज 5-10 मिनट धूप में गुजारते हैं, तो टीबी के बैक्टीरिया मर जाते हैं। उनके मुताबिक भारत में करीब 32 लाख टीबी के मरीज हैं, इनमें से करीब 11 लाख मरीजों की पहचान नहीं है। इसके अलावा सिर्फ यूपी में ही टीबी के 7.5 लाख मरीज हैं। साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करना है। उन्होंने यह भी बताया कि एक मरीज से लगभग 15 लोगों को टीबी फैलने का खतरा होता है।

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क्यों खतरनाक है टीबी

टीबी के बैक्टीरिया फेफड़ों में सूजन पैदा कर देते हैं। यह एक खतरनाक बीमारी है क्योंकि टीबी के बैक्टीरिया खांसने, छींकने और रोगी के संपर्क में आने से फैलते हैं। टीबी के बैक्टीरिया आपकी सांस के साथ फेफड़े में पहुंच जाते हैं और धीरे-धीरे अपनी संख्या बढ़ाने लगते हैं। इनके संक्रमण के कारण फेफड़े में छोटे-छोटे जख्म बन जाते हैं जिसका पता एक्स-रे द्वारा लगाया जा सकता है। अगर आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम है तो टीबी के बैक्टेरिया की शरीर पर अटैक करने की संभावना बढ़ जाती है। रोगियों के फेफड़ों या लिम्फ ग्रंथियों में टीबी के बैक्टीरिया पाए जाते हैं।

ये हैं टीबी के लक्षण

ज्यादातर रोगियों में रोग के लक्षण नहीं उत्पन्न होते लेकिन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर रोग के लक्षण जल्दी दिखाई देने लगते हैं और मरीज पूरी तरह रोगग्रस्त हो जाता है। फिर भी इन लक्षणों से आप टीबी की पहचान कर सकते हैं।

  • दो सप्ताह से ज्यादा लगातार खांसी आना
  • हल्का बुखार तथा हरारत रहना
  • भूख न लगाना या कम लगना
  • अचानक वजन कम हो जाना
  • सीने में दर्द रहना
  • थकावट तथा रात में पसीने आना
  • कमर की हड्डी में सूजन
  • घुटने में दर्द
  • घुटने मोड़ने में कठिनाई
  • गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना

ये है टीबी का इलाज

सीने के एक्सरे तथा थूक व बलगम की जांच से टीबी का पता लग जाता है। रोग का निदान हो जाने पर एंटीबायोटिक्स व एंटीबैक्टीयल दवाओं द्वारा उपचार किया जाता है। रोगी को लगातार 6 से 9 महीने तक उपचार लेना पड़ता है। दवाओं के सेवन में अनियमितता बरतने पर इस रोग के बैक्टीरिया में रोग के प्रति प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो जाती है जिसके कारण उन पर दवा का असर नहीं पड़ता। यह स्थिति रोगी के लिये खतरनाक होती है। उपचार के दौरान रोगी को पौष्टिक आहार लेना चाहिये तथा शराब व धूम्रपान आदि से बचना चाहिये।

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